IIT Kanpur में खुलेगा साथी केंद्र, निशुल्क कराएगा छात्राओं को JEE और NEET की तैयारी

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प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, कानपुर


देशभर में लाखों छात्र- छात्राएं सुविधाओं और संसाधनों के अभाव में अच्छी तरह से अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। साथ ही साथ देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में शुमार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और 
संयुक्त प्रवेश परीक्षा JEE (Joint Entrance Examination) की ठीक ढंग से तैयारी तक नहीं कर पाते हैं। अब ऐसे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी IIT Kanpur आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर कराएंगे। इसके लिए आईआईटी कानपुर में साथी केंद्र खोलने की तैयारी है।


15 राज्यों में बनेंगे साथी केंद्र


IIT कानपुर की ओर से जेईई, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पहले से तैयार किए गए आनलाइन पोर्टल साथी (सेल्फ असेसमेंट टेस्ट एंड हेल्फ फॉर एंट्रेस एग्जामिनेशन) के साथ ही अब देशभर के 15 राज्यों में साथी केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है। साथी केंद्रों का पांच राज्यों में संचालन शुरू हो चुका है। उसमें से 2 केंद्र उत्तराखंड और यूपी, जम्मू-कश्मीर व दिल्ली में एक-एक केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।



ग्रामीण इलाकों के छात्र छात्राओं को मिलेगा मौका


आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. अमय करकरे ने बताया कि साथी केंद्र में 11वीं व 12वीं के ऐसे छात्र आकर निशुल्क पढ़ाई कर सकते हैं, जो शहरों से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। उन्हें यहां पर कंप्यूटर, विषय-विशेषज्ञ परीक्षा की तैयारी में पूरी मदद करेंगे। उन्हें उसके अनुरूप पाठ्य सामग्री भी मुहैया कराएंगे और मार्गदर्शन भी करेंगे। इनके द्वारा ही IIT Kanpur आईआईटी कानपुर समेत अन्य आईआईटी के एक्सपर्ट छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री भी तैयार की जा रही है।


एक केंद्र में एक बार में 40 छात्र पढ़ सकेंगे 


प्रो. करकरे ने बताया कि साथी केंद्र पर एक समय में एक साथ 40 छात्र बैठकर ऑडियो-वीडियो माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं। विशेषज्ञों की ओर से छात्रों का मॉक टेस्ट भी कराया जाता है। उसमें उन्हें उनके विषय से जुड़ी समस्याओं को बताकर उनका समाधान भी पूछकर किया जाता है। साथी केंद्र के अलावा देशभर के छात्र-छात्राएं आनलाइन 'पोर्टल-साथी व साथी मोबाइल एप' से भी पढ़ाई कर सकते हैं। इस समय देशभर में 16 लाख छात्र-छात्राएं साथी एप पर पंजीकृत हैं।

स्कूलों तक पहुंचेगा साथी प्रोजेक्ट

प्रो. करकरे ने बताया कि साथी केंद्रों की स्थापना के बाद, अब अगला कदम साथी प्रोजेक्ट को स्कूलों तक पहुंचाना है, जहां आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को अपने साथ जोड़ेंगे। स्कूलों के जो शिक्षक होंगे, वह मेंटर के रूप में काम करेंगे और IIT कानपुर के विशेषज्ञों संग संपर्क में रहेंगे। इसके लिए आईआईटी कानपुर की राज्य सरकार से बातचीत चल रही है। हालांकि पंजाब और दमनदीव में शुरुआत हो चुकी है। जल्द अन्य राज्यों तक हम पहुंचेंगे। प्रो. अमय ने कहा कि स्कूली कक्षाओं के बाद 11वीं व 12वीं के छात्रों के लिए आनलाइन कक्षाएं संचालित करने की भी तैयारी है।

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