विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज मोतीनगर में विविध कार्यक्रम आयोजित
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| विजयी छात्राओं के साथ प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्रा व अन्य। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोतीनगर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विषय प्रवर्तन करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र ने कहा कि शरीर में किसी भी अंग का न होना, उसकी कमजोरी या उसकी कार्यक्षमता औसत से कम रहने की स्थिति को दिव्यांगता कहा जाता है। यह जन्मजात, किसी बीमारी, दुर्घटना अथवा किसी औषधि के दुष्प्रभाव के रूप में हो सकती है। पीडबल्यूडी अधिनियम 2016 में 21 प्रकार की दिव्यांगताओं का विवरण है, जिसमें अंधापन, अल्प दृष्टि, कुष्ट रोग से ठीक हुए व्यक्ति, श्रवण बाधित, लोकोमोटर विकलांगता, बौनापन, बौद्धिक विकलांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज़म स्पेक्ट्रम विकार, मस्तिष्क पक्षाघात, मांसपेशीय दुर्विकास, क्रानिक न्यूरोलॉजीकल स्थितियाँ, सीखने की विशिष्ट अक्षमताएँ, मल्टीपल इस्कलेरोसिस, वाणी तथा भाषा विकलांगता, थैलासीमिया, हीमोफीलिया, सिकल सेल रोग, बहरापन-अंधापन सहित अनेक विकलांगताएँ, एसिड अटैक पीड़ित और पार्किनसंस रोग शामिल हैं।
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| प्रमाणपत्र दिखातीं छात्राएं। |
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बालिका विद्यालय में विविध कार्यक्रमों का आयोजन पूनम यादव, मंजुला यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य विकलांगता से जुड़े मुद्दों की समझ को बढ़ावा देना और दिव्यांग लोगों के अधिकारों, उनके कल्याण और सम्मान के लिए समाज का व्यापक समर्थन एकत्र करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में रेडियो पर अपने मन की बात कार्यक्रम में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को नया नाम दे दिया था। उनका कहना था कि ऐसे व्यक्तियों के लिए दिव्यांग शब्द का प्रयोग होना चाहिए़ क्योंकि उनके पास अतिरिक्त संवेदनशीलता, शक्ति और ऊर्जा होती है। इन्हीं विचारों के साथ छात्राओं ने उत्साहपूर्वक निबंध और स्लोगन प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। स्लोगन प्रतियोगिता में शालिनी पाल, शिल्पी यादव और मांडवी सिंह को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया और निबंध प्रतियोगिता में अराधना निषाद, चाहत और दुर्गा को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने विजयी छात्राओं को प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) प्रदान किए।




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