न्याय की जीत का नया पता 'डालीबाग', 72 चाबियां, 72 कहानियां

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प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ 


लखनऊ के डालीबाग की वह भूमि जो कभी दुर्दांत माफिया मुख्तार अंसारी की दबंगई की नुमाइश थी, अब उत्तर प्रदेश के सुशासन की प्रतीक बन गई है।


मुख्तार अंसारी से मुक्त कराई गई यह जमीन अब सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के अंतर्गत उन परिवारों के लिए नया आशियाना बनी है, जिनके पास पहले सिर पर छत नहीं थी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब आज इस भूमि पर खड़े होकर 72 गरीब परिवारों को आवास की चाबी सौंपेंगे, तब यह महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि अवसर पर अधिकार की जीत, भय पर विश्वास की और अपराध पर न्याय की विजय का उद्घोष होगा।


कभी माफिया सरगना का गुरूर रही जमीन पर आज इंसाफ मुस्कुरा रहा है। 'योगी नीति' उन्हीं हाथों में नई जिंदगी की चाबी सौंप रही है, जिनके सपने कभी भूख और भय के बीच गुम हो गए थे। योगी युग ने दिखाया कि शासन जब धर्ममय होता है, तब अन्याय की जड़ें सूख जाती हैं।


जीरो टॉलरेंस' से 'जन ट्रस्ट' तक


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'जीरो टॉलरेंस नीति' अब केवल अपराध के विरुद्ध नहीं, बल्कि नैतिक शासन के नवसृजन का पर्याय बन चुकी है। इस नीति के तहत न केवल अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। वहीं, संपत्ति अब जन-कल्याण का साधन बन रही है।


यह उस नीति का जीवंत उदाहरण है कि राज्य की भूमि अब जनता की सेवा में समर्पित है, न कि माफिया की सत्ता में गिरवी। जहां कभी अंसारी गिरोह के कारिंदे रौब दिखाते थे, अब वही भूमि गरीबों की प्रगति का प्रतीक बन चुकी है।


योगी जी ने यह सिद्ध कर दिया है कि भय के तख्त पर जब न्याय का दीप जलता है, तो अपराध की छाया स्वयं मिट जाती है।


सरदार पटेल की आत्मा को समर्पित एकता के आवास


यह आवासीय योजना केवल निर्माण नहीं संस्कार का पुनर्निर्माण है। 'सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना' के अंतर्गत बने इन 72 फ्लैट्स का क्षेत्रफल 36.65 वर्गमीटर है। 10.70 लाख रुपये की लागत से निर्मित ये फ्लैट्स तीन ब्लॉकों (ग्राउंड प्लस थ्री स्ट्रक्चर) में बनाए गए हैं। लॉटरी प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूर्ण हुई और अब 72 लाभार्थियों को सम्मानपूर्वक आवास सौंपे जाएंगे।


यह योजना 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की उस भावना को साकार करती है जो कहती है कि "जिस भूमि को भय ने बांधा, उसी को भरोसे ने मुक्त किया।" 


अवैध कब्जे से आत्मनिर्भरता का सफर


डालीबाग की यह जमीन अब केवल लखनऊ का भूभाग नहीं, यह नए उत्तर प्रदेश की भू-दृष्टांत है। यह दिखाती है कि जब शासन ईमानदार हो, तो ईंट भी बोलती है और न्याय भी मुस्कुराता है। अब वही भूमि गरीब की झोपड़ी में रोशनी दे रही है, जो कल तक अंधकार की गवाही थी।


72 परिवारों के लिए यह सिर्फ मकान नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान की नई सुबह है इन घरों की दीवारों में न्याय की गूंज है, फर्श पर परिश्रम की छाप है और छत पर योगी शासन की नीति की छाया।


72 चाबियां... 
72 नई कहानियां...

हर चाबी में एक इतिहास है, 
हर घर में एक नया भारत है।

जहां कभी बंदूकें बोलती थीं, वहां अब बच्चों की हंसी गूंजेगी, जहां कभी माफिया की धौंस थी, वहां अब गरीब की दुआ है। जहां कभी भय की दीवार थी, वहां अब विश्वास का द्वार है। यही नए उत्तर प्रदेश का सार है। 



आज डालीबाग फिर से कह रही है कि यह भूमि अब माफिया की नहीं, जनता की है। यह दृश्य केवल अवैध कब्जे से मुक्ति का नहीं, बल्कि जनता को न्याय के घर तक पहुंचाने की यात्रा का प्रतीक है।

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