Farmer's Agitation : राकेश टिकैत बोले- किसानों पर अत्याचार होने पर बिना समय गंवाए दिल्ली पहुंचेंगे

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  • भारतीय किसान यूनियन टिकैत समेत अन्य किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की तरफ फिलहाल नहीं किया कूच



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, मेरठ



संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के दिल्ली चलो कूच से खुद को अलग रखने वाले भारतीय किसान मोर्चा (टिकैत) का भी रुख धीरे-धीरे बदलने लगा है। मंगलवार को आंदोलन के संबंध में भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी भले ही वह इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं लेकिन सभी किसान हैं और सबकी अपनी-अपनी समस्याएं हैं। अगर दिल्ली जा रहे किसानों पर अत्याचार हुआ, तो वह दिल्ली पहुंचने में समय नहीं लगाएंगे। किसान और दिल्ली हमसे तनिक भी दूर नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ पंजाब के किसान मंगलवार को दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पहला बेरिकेड गिरा दिया है। घग्गर नदी के ऊपर बने लोहे के बेरिकेड्स भी तोड़ दिए हैं। पुलिस का एक ड्रोन नदी में गिरा दिया है। बताया जा रहा है कि किसान इस बार अपने साथ जेसीबी और बुलडोजर जैसे वाहन भी लेकर आगे बढ़ रहे हैं।



 वहीं, भाकियू के प्रमुख नेता नरेश टिकैत शामली में एक शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। वहीं राकेश टिकैत बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। राकेश टिकैत का कहना है कि अलग-अलग राज्य में किसानों की अपनी-अपनी समस्याएं हैं। देश में बहुत संगठन हैं, सब अपने तरीके से कार्य कर रहे हैं। सरकार गलत कर रही है, दीवार बना रही है, सड़कों पर कील ठोक रही है। 


उन्होंने सवालिया लहजे में सरकार से पूछा कि पाकिस्तान बार्डर पर भी तार और कील ठुकी हैं क्या? सरकार गलत तरीके से किसानों को रोकने का प्रयास कर रही है। अगर सरकार किसानों की समस्या का समाधान चाहती है तो बातचीत करनी चाहिए। सरकारी नीतियों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी बड़े किसान संगठन के कार्यकर्ता मंगलवार को  दिल्ली की ओर कूच नहीं किया। इससे पहले आंदोलन में मुजफ्फरनगर से भाकियू (महात्मा) की ओर से दिल्ली चलने का एलान किया गया था, लेकिन सोमवार की देर रात से ही भाकियू (महात्मा) के पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इस संगठन के जिलाध्यक्ष शाकिर मुखिया को चरथावल स्थित आवास पर नजरबंद कर रखा गया। इनके आवास पर पुलिस तैनात रही। 


किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली से लगी बागपत की सीमाओं पर पुलिस बल तैनात है। फिलहाल किसान बागपत के रास्ते दिल्ली नहीं जा रहे हैं। बागपत की हरियाणा के सोनीपत से लगती सीमा पर निवाड़ा पुलिस चौकी, दिल्ली से लगती सीमा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर मवीकलां में यमुना पुल के पास और छपरौली पुल पर पुलिस बल तैनात है। इसके साथ ही मेरठ, गाजियाबाद, शामली और मुजफ्फरनगर से लगती बागपत की सीमाओं पर भी पुलिस व पीएसी तैनात की गई है।

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