विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु - वसंत ऋतु
मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - अष्टमी रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र - मूल शाम 04:07 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
योग - वरीयान 26 मार्च रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल - सुबह 11:13 से दोपहर 12:45 तक
सूर्योदय - 06:39
सूर्यास्त - 18:49
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
पंचक
पंचक का आरंभ 28 मार्च 2022, सोमवार को रात्रि 11.55 बजे से
पंचक का समापन- 2 अप्रैल 2022, शनिवार को सुबह 11.21 बजे तक
एकादशी
सोमवार, 28 मार्च 2022- पापमोचनी एकादशी
प्रदोष
29 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से रात 08:57 बजे तक
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
इससे आपका मन लगने लगेगा
यदि दूकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोडा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम 5 – 7 बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें |
अपने पीछे दीवार पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे –ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें | इससे आपका मन लगने लगेगा |
संतान आगमन पर
बच्चा पैदा हो उसको गुनगुने पानी से नहलाकर पिता की गोद में रखना चाहिये ।पिता उस बच्चे को देखे और बोले उसके कान में
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) अश्मा भव
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) परशु भव
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार ) हिरन्यस्तुम भव
तू चट्टान की तरह दृढ़ होना, तू विघ्न बाधाओं और पापों को काटने वाला कुल्हाड़ी बनना, तू सुवर्ण की तरह बनना- लोहे को दाग लग जाता है, तांबे को भी जंग लग जाता है, लेकिन सोना ज्यों का त्यों रहत है। ऐसे ही तू संसार में निर्लेप रहना ऐसा करके बाप माँ की गोद में बच्चे को ड़ाल दे।
फिर माँ क्या करे ?उसे स्तन-पान न कराए कुछ भी उसके मुँह में न ड़ाले; पहले माँ को क्या करना चाहिए माँ हो, मौसी हो, जो भी हो, एक बूँद शहद की, दस बूँद घी की, दोनों को मिला दे, और सोने की सलाई से (अगर सोने की सलाई खरीदने की ताकत नहीं है तो चाँदी की सलाई पर सोने का पानी चढ़ा दे ) शहद और घी के विमिश्रण से (सममिश्रण होगा तो ज़हर बनता है- या तो शहद का वजन ज्यादा हो, या तो घी का ज्यादा हो; बराबरी में जहर होता है ) बालक की जीभ पर ॐ लिख देवें बाद में उसको जो भी देना हो, पानी/दूध दे सकते हैं बच्चा ऐसा बनेगा कि 7 पीढ़ी के खानदान में ऐसा नहीं हुआ होगा जैसा ये बालक/बालिका बनेंगें।
बेटी की शादी, या परिवार में कोई समस्या
जिनके घर में बेटी की शादी, या परिवार में कोई समस्या है तो ऐसी बहनों के लिए स्कंद पुराण में बताया हुआ मंत्र
ॐ ह्रीं गौरयै नमः
अगर आश्रम में जाना संभव है तो वहाँ के वड़-दादा को प्रदक्षिणा करें, वड़-दादा की मिट्टी कुमकुम में मिलाकर उत्तर दिशा में मुख करके तिलक करें और ऊपर दिया हुआ मंत्र बोलें कुछ ही दिनों में आपको लाभ होगा, बेटी की शादी होनी है तो हो जायेगी, परिवार में कोई अनबन है, चिड़चिड़ापन है तो शांति आ जायेगी।
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