प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, वाराणसी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार गुरुवार को दलित महिलाओं संग श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर पहुंचे। बाबा के दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति ही मानव और मानवता की संरक्षक और पालक रही है। देश के नागरिकों से यही अपील है कि हमारे पूजा स्थल छुआछूत मुक्त हों और समरसता एवं समानता से युक्त हों। उनके साथ बाबा के नव्य-भव्य धाम पहुंचे समूह में मुस्लिम समुदाय की भी एक महिला थी।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि इन लोगों ने यह कामना थी कि समूह के रूप में हम बाबा के दर्शन को जाएं, इसलिए आज हम यहां आए हैं। बाबा विश्वनाथ सभी को जोड़ते हैं। इससे लोगों को समरसता और समानता का संदेश जाएगा। हिन्दुत्व सबको जोड़ता है और सबका सम्मान करता है।
उन्होंने कहा अल्पसंख्यक, दलितों और पिछड़ों के लिए पहले भी बाबा का दरबार खुला था और आज भी खुला है, पर उनमें एक भावना बैठ गई थी कि हम वहां जाएंगे तो कैसा व्यवहार होगा, किंतु काशी के विद्वानों ने इस बात को स्थापित कर दिया है कि बाबा विश्वनाथ प्राणियों में सदभावना के प्रतीक हैं। इसलिए अब काशी से समरसता लाओ, छुआछूत भगाओ, प्रेम बढ़ाओ का संदेश विश्व भर में जाएगा।
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