Diabetic Patients Increased Rapidly During the Corona Period : कोरोना काल में तेजी से बढ़े मधुमेह के मरीज

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  • विश्व मधुमेह दिवस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की आमजन को मधुमेह से जागरूक की पहल 



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


कोरोना काल में मधुमेह का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। कोरोना की चपेट में आए मरीज जब कोराना से उबरे तो उनके ब्लड में शुगर का स्तर अनियंत्रित हो गया। इसकी वजह बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीज मधुमेह हो गई। यह बातें विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से परेड स्थित आइएमए भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में वरिष्ठ फिजीशियन और डायबेटोलाजिस्ट डा. एसी अग्रवाल ने कहीं।


उन्होंने बताया कि इंसुलिन ही मधुमेह का मुख्य इलाज है। इसे वर्ष 1921 में बनाया गया था। अब इसके 100 साल पूरे हो रहे हैं। समय के साथ इंसुलिन में नए-नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं। जिस परिवार में मधुमेह पीड़ित होते हैं, पूरा परिवार उससे प्रभावित होता है, क्योंकि मधुमेह पीड़ित का इलाज जीवन पर्यन्त चलता है। अब मधुमेह का विविध श्रेणी में इलाज उपलब्ध है। 


मधुमेह से बचाव के लिए जीवनशैली और खानपान में बदलाव जरूरी है। इलाज और दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है। वहीं, वैज्ञानिक सब कमेटी की चेयरपर्सन डा. अर्चना भदौरिया ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह की वजह से अंधता और गुर्दे फेल होने की समस्या होती है। इसलिए मधुमेह का सही प्रबंधन जरूरी है। 


वहीं, आइएमए अध्यक्ष डा. बृजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मधुमेह के लिए आमजन को जागरूक करना जरूरी है। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रेसवार्ताके दौरान आइएमए सचिव डा. देवज्योति देवराय एवं डा. पल्लवी चौरसिया मौजूद रहीं।


मधुमेह दिवस पर जागरूकता पदयात्रा


आइएमए के सचिव डा. देवज्योति देवराय ने बताया कि रविवार को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर आइएमए की ओर से सुबह 7.30 बजे मधुमेह जागरूकता पदयात्रा निकाली जाएगी। आइएमए भवन परेड से उर्सला अस्पताल, डफरिन होते हुए वापस आइएमए भवन तक आएगी।

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