Kanpur Historical Ganga Mela : कानपुर के ऐतिहासिक गंगा मेला में निकला रंग का ठेला, रंग में सराबोर हुए शहरवासी

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प्रराब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


आजादी के बाद से चला आ रहा ऐतिहासिक गंगा मेला का रंग कि ठेला निकाला गया। शहरवासी रंग से सराबोर हो गए। रंगोत्सव के प्रमुख केंद्र हटिया में शुक्रवार सुबह झंडा फहराने के बाद धूमधाम से गंगा मेले का आगाज उत्साह के साथ किया गया।



हटिया स्थित रज्जन बाबू पार्क ऐतिहासिक रंग का ठेला युवाओं ने खींचना शुरू किया। एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गंगा मेला की शुभकामनाएं दीं। आजादी और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के रंगों से रूबरू कराने वाले ऐतिहासिक मेले की कहानी भी अंग्रेजों के समय से शहरवासियों की जुबां पर है। 



जब अंग्रेजों द्वारा होली पर रोक के बावजूद तिरंगा फहराने और रंगोत्सव का उल्लास शहरवासियों ने मनाया गया था। उसी दिन की यादों को ताजा करने के लिए प्रतिवर्ष यह उत्सव मनाया जा रहा है। देशभक्ति गीतों के बीच हटिया से सैकड़ों लोगों के बीच निकला रंग का ठेका शिवाला, काहू कोठी, जनरलगंज, कमला टावर, बिरहाना रोड से गुजरता हुआ आगे बढ़ रहा है।


परंपरा का निर्वहन



भैंसा ठेला में बड़े-बड़े ड्राम पर रंग भर कर लोग गंगा मेला का उत्साह मनाते हुए आगे बढ़ रहा है। पुलिस प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक ने पहुंचकर रंगोत्सव मनाया और एक दूसरे को गंगा मेला की शुभकामनाएं दी। ऐतिहासिक रंग का ठेला में शामिल होने के लिए युवाओं में जुनून देखने को मिला है। हर कोई पारंपारिक पगड़ी लगाकर उत्साह का सहभागी बना।


हिंदू-मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक



शहर के विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा और रंग गुलाल लगाकर हटिया होली मेला में शामिल लोगों का स्वागत किया गया। जनरलगंज के कई स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द देखने को मिला जब हटिया होली मेला में शामिल युवाओं को मुस्लिम भाइयों ने गुझिया खिलाकर गंगा मेला की शुभकामनाएं दीं। डीजे की धुन पर मेले में शामिल हुआ नाचते गाते हुए चलते रहे। शाम को सरसैया घाट पर प्रशासन ने धार्मिक सामाजिक और विभिन्न संगठनों द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें लोग शामिल होकर एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देंगे।


अंग्रेज कलेक्टर ने होली खेलने पर लगाई थी रोक



संरक्षक मूलचंद्र सेठ ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से पहले शहरवासियों द्वारा होली खेलकर आजादी का जश्न मनाया गया था। वर्ष 1942 में तत्कालीन अंग्रेज कलेक्टर ने होली पर रोक लगा दी थी। जिसका विरोध करते हुए शहरवासियों ने हटिया पार्क में होली खेली थी। इसमें 43 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन्हें अनुराधा नक्षत्र वाले दिन रिहाई मिली थी। इसलिए अनुराधा नक्षत्र को रंग का ठेला शहर के विभिन्न मार्ग से निकालकर आजादी एवं भाईचारे का संदेश दिया जाता है।


रंग के ठेले की खासियत

ऐतिहासिक रंग का ठेला आज भी भैंसा ठेला पर निकाल जाता है। इसमें बड़े-बड़े ड्रम में भरे रंग से शहरवासी होली खेलते हैं। आजादी के गीतों एवं देशभक्ति के तरानों के बीच भाईचारे और एकता की मिशाल देखने को मिलती। जब हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे को गुझिया खिलाकर एकता का संदेश देते रहे।


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