Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग व व्रत-त्योहार

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 01 मार्च 2021, दिन - सोमवार

विक्रम संवत - 2077, शक संवत - 1942

उत्तरायण अयन, वसंत ऋतु
 
फाल्गुन मास  (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)

कृष्ण पक्ष, द्वितीया तिथि सुबह 08:35 बजे तक तत्पश्चात तृतीया

उत्तरा फाल्गुनी सुबह 07:37 बजे तक तत्पश्चात हस्त

शूल नक्षत्र दोपहर 12:56 बजे तक तत्पश्चात गण्ड

राहुकाल - सुबह 08:27 बजे से सुबह 09:55 तक
 
सूर्योदय - 07:00 बजे, सूर्यास्त - 18:41 बजे


दिशाशूल - पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण - तृतीया क्षय तिथि

विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
              
विघ्नों और मुसीबतें दूर करने के लिए

02 मार्च, मंगलवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:58)
शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
ॐ गं गणपते नमः।

ॐ सोमाय नमः।
          

मंगलवार चतुर्थी

भारतीय समय के अनुसार 02 मार्च 2021 को (सूर्योदय से 03 मार्च प्रात: 03:00 तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं।

मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :-

1) ॐ मंगलाय नमः

2) ॐ भूमि पुत्राय नमः

3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः

4) ॐ धन प्रदाय नमः

5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः

6) ॐ महा कायाय नमः

7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः

8) ॐ लोहिताय नमः

9) ॐ लोहिताक्षाय नमः

10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः

11) ॐ धरात्मजाय नमः

12) ॐ भुजाय नमः

13) ॐ भौमाय नमः

14) ॐ भुमिजाय नमः

15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः

16) ॐ अंगारकाय नमः

17) ॐ यमाय नमः

18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः

19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः

20) ॐ वृष्टि हराते नमः

21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः

ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मन्त्र बोले :

भूमि पुत्रो महा तेजा

कुमारो रक्त वस्त्रका

ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम

ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे

हे भूमि पुत्र!..महा क्यातेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ।

पंचक

11 मार्च प्रात: 9.19 बजे से 16 मार्च प्रात: 4.45 बजे तक

7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक

व्रत-त्योहार

विजया एकादशी : मंगलवार, 09 मार्च 
आमलकी एकादशी : गुरुवार, 25 मार्च 



प्रदोष व्रत : 10 मार्च

प्रदोष व्रत : 26 मार्च



फाल्गुन पूर्णिमा : रविवार, 28 मार्च

फाल्गुनी अमावस्या : शनिवार, 13 मार्च

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