Congress : संत रविदास ने ही दिया धार्मिक समभाव का संदेश : नौशाद आलम

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  • संत रविदास की जयंती पर महानगर उत्तर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से पुष्पांजलि सभा का आयोजन 
  • नौशाद आलम 



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


संत रविदास ने कर्म की महिमा का बखान करते हुए वजनबद्धता को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने ही धार्मिक समभाव का संदेशइ दिया। 15वीं व 16वीं शताब्दी में संत रविदास ने कहा था कि एक ही परमेश्वर है, जिसे विविध नाम से जाना जाता है। वेद-पुराण, कुरआन आदि ग्रंथों में एक ईश्वर का ही गुणगान किया गया है। यह बातें महान आध्यात्मिक संत रविदास की जयन्ती पर महानगर उत्तर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से शनिवार को लक्ष्मीपुरवा स्थित नई जमीन स्थल पर आयोजित पुष्पांजलि सभा काे संबोधित करते हुए उत्तर जिलाध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी ने कहीं।



उन्होंने संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। उन्होंने संत रविदास को धर्मपरायण, महान समाज सुधारक सदगुरु बताया। उन्होंने कहा कि साधारण धर्मनिष्ठ परिवार में माघ पूर्णिमा के दिन काशी (बनारस) में जन्मे संत रविदास जातिभेद, रंगभेद व भेदभाव के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने अपनी स्वरचित छन्दों एवं कविताओं को सिख पंथ प्रवर्तक गुरुनानक देव जी को समर्पित कर दिया था। सिखों के पाचवें गुरु अर्जुन देव ने अपने पवित्र धर्मग्रन्थ गुरुग्रन्थ साहिब में समावेश कराकर उनकी विद्ववता को सम्मान दिया, जो आज भी गुरुग्रन्थ साहिब के पवित्र पृष्ठों में परिलक्षित है।

 

वहीं, पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी ने संत सिरोमणि रविदास को धर्म, जाति एवं सम्प्रदायरहित मानवीय सदगुणों का मसीहा बताया। कहा, रविदास जी का मानना था कि गंगा स्नान दायित्वपूर्ण कर्म से विरत होकर करने के बजाये चिन्ता रहित सतकर्म करते हुए कठौत के जल से स्नान किया जाए तो भी उतना ही पुण्य प्राप्त होता है। तभी से श्ह कहावत प्रचलित है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा।

 

इन्होंने भी रखे अपने विचार


संयोजन अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के अध्यक्ष शानू बुन्देला ने किया। इस दौरान हरप्रकाश अग्निहोत्री, कमल जायसवाल, दिलीप शुक्ला, अम्बरीश सिंह गौर, सुनील बाल्मीकि, हरीश गुप्ता, रामआसरे पाल, विकास सोनकर, चेतन मौर्या, विजय सिंह, नदीम, अजय सिंह, रामदौर सविता, प्रकाश भारती, सुरेश बक्शी, अब्बास अली मंसूरी, रामकुमार वर्मा, मुकेश बाल्मीकी, फिरोज खान, सरिता सेंगर, मोहम्मद रफीक चांद भी अपने विचार रखे।

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