चाेरी-छिपे कोरोना संक्रमित के इलाज पर निजी अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा

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  • हैलट ले जाने के दौरान रास्ते में मौत, निजी अस्पताल ने मृत्यु प्रमाणपत्र देने से किया मना
  • स्वजनों की शिकायत पर सीएमओ ने गठित की दो सदस्यीय कमेटी, प्रथम दृष्टया माना दोषी


कोरोना

सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि हरबंशमोहाल थाना क्षेत्र के कछियाना मोहाल की 61 वर्षीय महिला को उसके स्वजन ने 27 जुलाई को सिविल लाइन स्थित तुलसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। अस्पताल प्रशासन ने निजी लैब में कोरोना की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट 29 जुलाई को आई। उसमें महिला कोरोना संक्रमित पाई गई। उसकी जानकारी न जिला प्रशासन और न ही स्वास्थ्य विभाग को दी। मरीज के स्वजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज करने से इन्कार कर दिया। न ही इलाज में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया। बिना कागजात दिए ही हैलट अस्पताल भेज दिया, जिससे रास्ते में महिला की मौत हो गई। इस पर स्वजनों ने रात में ही सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्रा को सूचना दी। उन्होंने एसीएमओ डॉ. एके सिंह एवं डॉ. सुबोध प्रकाश की टीम से जांच कराई। प्रथम दृष्टया तुलसी हॉस्पिटल के संचालक की गलती सामने आई है। टीम की संस्तुति के आधार पर ग्वालटोली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।


हैलट में किया मृत घोषित

हैलट में पहुंचते ही महिला को मृत घोषित कर दिया। जब स्वजनों ने अंतिम संस्कार के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा तो निजी अस्पताल से लेने को कहा गया। जब वहां गए तो अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने से मना कर दिया। जिला प्रशासन से शिकायत के बाद अंतिम संस्कार कराया गया।


अस्पताल संचालक के खिलाफ लापरवाही से बरतने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

  • विजय कुमार पांडेय, थाना प्रभारी, ग्वालटोली।


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