प्रारब्ध न्यूज़ खेल डेस्क, लखनऊ
भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है, बल्कि एक जुनून है। जहाँ IPL का रोमांच और टेस्ट क्रिकेट की गंभीरता अपनी जगह है। वहीं, भारत का घरेलू क्रिकेट वह 'नर्सरी' है, जहाँ भविष्य के सितारे तैयार होते हैं। इसी घरेलू ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है विजय हज़ारे ट्रॉफी।
विजय हज़ारे ट्रॉफी
विजय हज़ारे ट्रॉफी, जिसे 'रणजी वनडे ट्रॉफी' भी कहा जाता है, यह भारत का मुख्य लिस्ट-ए क्रिकेट टूर्नामेंट है, जिसका आयोजन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा किया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2002-03 के सीजन में हुई थी। यह टूर्नामेंट 50 ओवर के फॉर्मेट में खेला जाता है। इस टूर्नामेंट में भारत के विभिन्न राज्यों की टीमें हिस्सा लेती हैं।
टूर्नामेंट का नाम 'विजय हज़ारे' क्यों पड़ा?
टूर्नामेंट का नाम महान भारतीय क्रिकेटर विजय हज़ारे के सम्मान में रखा गया है। विजय हज़ारे वही दिग्गज खिलाड़ी थे जिन्होंने वर्ष 1951-52 में भारतीय टीम को पहली टेस्ट जीत (इंग्लैंड के खिलाफ) दिलाने में कप्तानी की थी। क्रिकेट में उनके योगदान को देखते हुए सीमित ओवरों की प्रतियोगिता का नाम उनके नाम पर रखा गया।
टूर्नामेंट का महत्व
विजय हज़ारे ट्रॉफी भारतीय चयनकर्ताओं के लिए प्रतिभा को परखने का सबसे बड़ा मंच है।
टीम इंडिया का रास्ता: ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या और शुभमन गिल जैसे कई खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई।
प्रतिभा का प्रदर्शन: यह टूर्नामेंट युवा खिलाड़ियों को यह साबित करने का मौका देता है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के दबाव को झेलने के लिए तैयार हैं।
प्रमुख टीमें और रिकॉर्ड
इस ट्रॉफी के इतिहास में तमिलनाडु सबसे सफल टीम रही है, जिसने कई बार खिताब अपने नाम किया है। इसके अलावा, मुंबई, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसी टीमें भी हमेशा से प्रबल दावेदार रही हैं। टूर्नामेंट में अक्सर हाई-स्कोरिंग मैच देखने को मिलते हैं, जो इसे दर्शकों के लिए काफी रोमांचक बनाते हैं।
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