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विधायक सुरेंद्र मैथानी से बात करते नोडल अफसर प्रो. मनीष सिंह, साथ में प्राचार्य प्रो. संजय काला।
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय (जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज) GSVM Medical College के हैलट अस्पताल परिसर के जीटी रोड पर संचालित गणेश शंकर विद्यार्थी सुपर स्पेशियलिटी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (जीएसवीएसएस पीजीआई) GSVSS PGI को एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसी पहचान मिलेगी। इस मुद्दे को गोविंद नगर के विधायक सुरेंद्र मैथानी 11 सितंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सदन में उठाएंगे। जीएसवीएसएस पीजीआई को इंस्टिट्यूट का दर्जा मिलने से किडनी ट्रांसप्लांट गुर्दा प्रत्यारोपण एवं लिवर ट्रांसप्लांट यकृत प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं मुहैया हो सकेंगे। ताकि गरीब मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।
गोविंद नगर विधायक सुरेंद्र मैथानी ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला और जीएसवीएसएस पीजीआई के नोडल अफसर व न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह के साथ कानपुर के पीजीआई की व्यवस्थाओं को जायजा लिया। विधायक ने सुविधाएं और संसाधन भी देखे।दवाइयों का स्टॉक, दवा वितरण भी चेक किया। इस दौरान वहां मौजूद मरीजों से बातचीत कर व्यवस्थाएं व सुविधाएं भी जानीं।विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू कराने का प्रयास करेंगे। इसका खर्च निजी अस्पतालों में 15 से 20 लाख रुपये आता है।इसी तरह लिवर ट्रांसप्लांट में बाहर 45 से 50 लाख रुपये खर्च आता है। इसे शुरू कराने के लिए सुविधा व संसाधन मुहैया कराने का प्रयास करेंगे। ताकि गरीब मरीजों की जान बचाई जा सके।
विधायक द्वारा न्यूरो रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग के MRI कक्ष का भी निरीक्षण किया। वहां अत्याधुनिक MRI एवं सीटी स्कैन मशीनें भी देखीं। उन्हें प्राचार्य प्रो. काला और नोडल अफसर प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि देश के सरकारी संस्थानों में ऐसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की दो ही मशीनें हैं, जिसमें से एक यहां स्थापित हैं।पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसवीएसएस पीजीआई को इंस्टिट्यूट का दर्जा दिलावा कर ही मानेंगे, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीबों को बेहतर और गुणवत्तापरक चिकित्सकीय सुविधा का लाभ मिल सके।उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान कार्य भी हो रहे हैं। उन्नत चिकित्सकीय संसाधन व विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता से ही शोध गतिविधियाँ हो रही हैं, जो इसे आदर्श चिकित्सा संस्थान बनाती हैं।इसलिए इसे पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च इंस्टीट्यूट का दर्जा देना जरूरी हो गया है।
मेडिकल कालेज के संस्थान के उच्चीकरण से शोध एवं शिक्षा की गुणवत्ता एम्स दिल्ली व पीजीआई चंडीगण की दर्ज में होंगी। इससे न केवल छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा और शोध के अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार और सुधार संभव होगा। साथ ही यहां के आसपास के 16-17 जिलों के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी। ।





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