Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (19 फरवरी 2023)

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दिनांक - 19 फरवरी 2023,


दिन - रविवार 


विक्रम संवत - 2079


शक संवत -1944

अयन - उत्तरायण

ऋतु - वसंत ॠतु


मास - फाल्गुन ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार माघ)


पक्ष - कृष्ण


तिथि - चतुर्दशी शाम 04:18 तक तत्पश्चात  अमावस्या


नक्षत्र - श्रवण दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात धनिष्ठा


योग - वरीयान शाम 03:20 तक तत्पश्चात परिघ


राहुकाल - शाम 05:12 से शाम 06:38 तक


सूर्योदय- 07:08


सूर्यास्त - 18:37


दिशाशूल - पश्चिम दिशा में


व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या,द्वापर युगादि तिथि वसंत ॠतु प्रारंभ


 विशेष -


रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)


रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)


स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।


युगादि तिथि


19 फरवरी 2023 रविवार को युगादि तिथि है ।


जैसे कि हम जानते हैं कि चार युग होते है:-


सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग ये सभी युग भिन्न भिन्न तिथियों को प्रारम्भ हुए थे l


युगादि अर्थात युग के आरम्भ होने की तिथि, इसे ही युगादि तिथि कहते हैं अर्थात जिस तिथि को अतीत या भविष्य में एक नया युग आरम्भ हुआ या होगा, वही युगादि तिथि कहलाती है ।


युगादि तिथियाँ बहुत ही शुभ होती हैं, इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन आदि अक्षय (जिसका नाश/क्षय न हो) फल होता है l


प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है ।


नारद पुराण, हेमाद्रि, तिथितत्व, निर्णयसिन्धु, पुरुषचिन्तामणि, विष्णु पुराण और भुजबल निबन्ध में इसका उल्लेख प्राप्त है।

        

सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण


20 फरवरी 2023 सोमवार को सूर्योदय से दोपहर 12:35 तक  सोमवती अमावस्या है।


सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है।

इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।

इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।

इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।


 नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए


 19 फरवरी 2023 रविवार को दर्श अमावस्या और 20 फरवरी, सोमवार को फाल्गुन अमावस्या  व सोमवती अमावस्या है।

घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।

         

अमावस्या


अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है  (विष्णु पुराण)

       

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए


हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।


सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।


विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें।


आहुति मंत्र


1. ॐ कुल देवताभ्यो नमः

2. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

3. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

4. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

5. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

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