Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (21 जून 2022)

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दिनांक : 21 जून, दिन : मंगलवार 


विक्रम संवत : 2079


शक संवत : 1944


अयन - दक्षिणायन


ऋतु - वर्षा ऋतु


मास - आषाढ़


पक्ष - कृष्ण


तिथि - अष्टमी रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात नवमी


नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद 22 जून  प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात रेवती


योग - आयुष्मान् सुबह 06:41 तत्पश्चात सौभाग्य


राहुकाल - शाम 04:2 से शाम 05:43 तक


सूर्योदय - 05:59


सूर्यास्त - 19:21


दिशाशूल -  उत्तर दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ- 18 जून 2022, शनिवार को 18.44 मिनट से

पंचक का समापन- 23 जून 2022, गुरुवार को 06.01 मिनट पर। 


एकादशी


 शुक्रवार, 24 जून 2022- योगिनी एकादशी


अमावस्या


आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022।


प्रदोष


26 जून, रविवार- रवि प्रदोष व्रत.

पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 बजे से रात 09:23 बजे तक


व्रत पर्व विवरण -  दक्षिणायन आरंभ पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक), वर्षा ऋतु प्रारंभ


विशेष - अष्टमी 

      

अनिद्रा से छुटकारा


10 मिनट विधिवत श्वसन करने से या जीभ के अग्रभाग को दाँतो से थोडा दबाकर 10 मिनट तक ज्ञान मुद्रा लगा के बैठने से शारीरिक – मानसिक तनाव व अनिद्रा आदि की बीमारी दूर होती है |


वर्षा ऋतु विशेष


आज 21 जून से वर्षा ऋतु प्रारंभ हो रही है | इसे शास्‍त्रीय भाषा में आदानकाल बोलते है | जठराग्नि दुर्बल होती है | वायु, गैस की तकलीफें उभरती हैं  | पित्त संचित होता है | अगर सावधान नहीं रहें तो पित्त व वात मिलकर हार्ट अटैक बना सकता है | इस आदानकाल में कब्जियत न रहे इसका ध्‍यान रखना चाहिए |


करने योग्य महत्वपूर्ण बातें 


1- पेट साफ़ रहे इसके लिए हरड़ रसायन 2-2 गोली खाना | हरड रसायन , रसायन से बना हुआ टोनिक है । दिनभर खाया हुआ टोनिक बन जायेगा |

2- शुद्ध वातावरण व शुद्ध जल का सेवन करना।

3- मधुर भोजन, शरीर को बल देनेवाला भोजन करना चाहिये और दोपहर के भोजन में नींबू, अदरक, सैंधा नमक, लौकी, मैथी, खीरा, तुरई आदि खाने चाहिए |

4- वर्षाऋतु में पानी गरम करके पियें अथवा तो पानी की शुद्धता का ध्यान रखें |

5- वायुप्रकोप से जोडों में दर्द बनने की संभावना है और बुढ़ापे में लकवा मारने की संभावना बढ़ जाती है | भोजन में लहसुन की छौंक लकवे से फाईट करता है |

6- चर्मरोग, रक्तविकार आदि बिमारियों की इस ऋतु में संभावना बढ़ जाती है | नींबू, अदरक, गाजर, खीरा स्वास्थ्‍यप्रद रहेगा |

7- सूर्यकिरण स्नान सभी ऋतुओं में स्वास्थ्‍य के लिए हितकारक है |

 

न करने योग्य


1- गरम, तले हुए, रूखे, बासी, डबल रोटी, आटा लगा हुआ बिस्किट आदि स्वास्थय के लिए इस सीज़न में हितकर नहीं है । फास्ट फ़ूड से बचना चाहिए |

2- देर रात बारिश के सीज़न में न जागें |

3- अधिक श्रम, अधिक व्यायाम न करें |

4- खुले आकाश में सोना खतरे से खाली नहीं है। 

5- ज्यादा देर तक शरीर भीगा हुआ न रखें | सिर गिला हो तो तुरंत पोछ लें।

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