Ballia News : बलिया के चर्चित खाद्यान्न घोटाले में दो कोटेदार गिरफ्तार




प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, वाराणसी



बलिया के चर्चित खाद्यान्न घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (इओडब्ल्यू) की वाराणसी शाखा ने कार्रवाई करते हुए शनिवार को दो आरोपी कोटेदारों को कचहरी चौराहा से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कोटेदारों में बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के कंचनपुर का बरमेश्वर मिश्रा और पचरूखा का कामता सिंह है। दोनों को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट वाराणसी में पेश करके अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।



उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकता में शामिल इस मामले में आरोपितयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इओडब्ल्यू के पुलिस महानिदेशक आरके विश्वकर्मा ने वाराणसी सेक्टर के पुलिस अधीक्षक डी प्रदीप कुमार को निर्देशित किया था। आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। कोटेदारों को गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक महेश पांडेय, विंध्यवासिनी मणि त्रिपाठी, अरविंद कुमार, मुख्य आरक्षी विनोद यादव, आरक्षी रोहित सिंह, राज सिंह हैं।



केंद्र सरकार की संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में बलिया में वर्ष 2002 से 2005 के बीच जबरदस्त अनियमितता की बात सामने आई थी। इस योजना में मजदूरों को काम के बदले अनाज दिया जाना था, लेकिन मजदूरों को खाद्यान्न देने के बजाय बाजार में बेच दिया गया था। योजना से मिट्टी, नाली, खड़ंजा, पटरी, संपर्क मार्ग, सीसी रोड और पुलिया निर्माण का कार्य कराया जाना था। मजदूरों को काम के बदले खाद्यान्न और नकद रुपये दिए जाने थे।



जांच में सामने आया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने कोटेदारों से मिलकर पेमेंट आर्डर, मस्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाए थे। मस्टर रोल में मजदूरों के फर्जी नाम और पते भी लिखे गए थे। इस तरह लगभग 20 लाख रुपये और 30 लाख रुपये कीमत का लगभग 4400 कुंतल खाद्यान्न का गबन किया गया था।



इस मामले को लेकर वर्ष 2006 में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471, 477A, 120-B व 34 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिले के 14 थानों में 51 मुकदमे दर्ज किए गए थे। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सरकार ने आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को सौंप दी गई थी।


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