Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (28 मार्च 2022)

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28 मार्च, दिन : सोमवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : उत्तरायण


ऋतु - वसंत ऋतु


मास - चैत्र  (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)


पक्ष - कृष्ण


तिथि -  एकादशी शाम 04:15 तक तत्पश्चात द्वादशी


नक्षत्र - श्रवण दोपहर 12:24 तक तत्पश्चात धनिष्ठा


योग - सिद्ध शाम 05:40 तक तत्पश्चात साध्य


राहुकाल - सुबह 08:08 से सुबह 09:40 तक


सूर्योदय - 06:36


सूर्यास्त - 18:50


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ 28 मार्च 2022, सोमवार को रात्रि 11.55 बजे से 

पंचक का समापन- 2 अप्रैल 2022, शनिवार को सुबह 11.21 बजे तक 


एकादशी


सोमवार, 28 मार्च 2022- पापमोचनी एकादशी


प्रदोष 


29 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से रात 08:57 बजे तक


व्रत पर्व विवरण - पापमोचनी एकादशी


विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l    राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।


आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।

जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

       

पापमोचनी एकादशी


27 मार्च 2022 रविवार को शाम 06:05 से 28 मार्च, सोमवार को शाम 04:15 तक एकादशी है ।

विशेष - 28 मार्च, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।

जो श्रेष्ठ मनुष्य ‘पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । इसको पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है । ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं । यह व्रत बहुत पुण्यमय

        

आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो


29 मार्च 2022 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।


किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और 5 बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :

ये मंत्र बोले :

ॐ भौमाय नमः

ॐ मंगलाय नमः

ॐ भुजाय नमः

ॐ रुन्ह्र्ताय नमः

ॐ भूमिपुत्राय नमः

ॐ अंगारकाय नमः


और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-


धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |

कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||


कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत 


त्रयोदशी को मंगलवार  उसे भौम प्रदोष कहते हैं। इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –

मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्। जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।    

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