विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : शिशिर
मास : माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - पौष)
पक्ष - शुक्ल
तिथि - चतुर्थी 05 फरवरी रात्रि 03:47 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद शाम 03:58 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
योग - शिव शाम 07:10 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहुकाल - सुबह 11:28 से दोपहर 12:53 तक
सूर्योदय - 07:15
सूर्यास्त - 18:29
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
पंचक
पंचक का आरंभ : 01 फरवरी 2022, मंगलवार को सुबह 06.45 बजे से
6 फरवरी 2022, रविवार को संध्या 17.10 बजे तक।
व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, श्री गणेश जयंती, तिलकुंद-वरद चतुर्थी
विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दरिद्रता नाश करने के लिये
-सूर्य नारायण को प्रार्थना करें, जल चढ़ायें
-चावल और गाय के दूध की खीर बनायें और सूर्य देव को भोग लगायें
-इतवार को बिना नमक के भोजन करने को कहा गया है ।
ऐसा कुछ समय तक करने से दरिद्रता दूर होती है, इसमें शंका नही ।
वसंत पंचमी
05 फरवरी 2022 शनिवार को वसंत पंचमी माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें । सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।
वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव का दिवस है । जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।
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