Maghi Purnima in Prayagraj : माघी पूर्णिमा पर भक्तिभाव से सराबोर हुआ त्रिवेणी तट

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प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, प्रयागराज


माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज का त्रिवेणी यानी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम तट भक्ति भाव से सराबोर हो गया। इस तट पर अमीरी और गरीबी से लेकर भेदभाव और राग-द्वेष भूलकर सभी पुण्य की डुबकी लगाने को आतुर दिखे। सभी का भाव सिर्फ माघी पूर्णिमा पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करने का रहा। इस संकल्प को साकार करने के लिए नर-नारी व बच्चे त्रिवेणी के तट पर पौ फटते ही सभी खिंचे चले आ रहे हैं। श्रद्धालुओं से पूरा क्षेत्र पट गया।




त्रिवेणी के पवित्र जल में गोता लगाकर हर कोई अक्षय पुण्य की प्राप्ति की अनुभूति कर रहा है। पूर्णिमा तिथि मंगलवार की रात 9.22 बजे से लग चुकी है। इससे संगम में स्नान का सिलसिला मध्यरात्रि में आरंभ हो गया था। सूर्योदय के बाद स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, राम घाट, गंगोली शिवालय, दारागंज व अरैल घाट पर भी स्नान-दान का सिलसिला चल रहा है। स्नान का मुहूर्त आज रात 10.20 बजे तक रहेगा।




पूर्वजों को नमन कर लौट रहे कल्पवासी 


माघी पूर्णिमा स्नान के साथ संगम क्षेत्र में माहभर से चल रहे कल्पवास खत्म हो गया है। पौष पूर्णिमा से घर-गृहस्थी से दूर रहकर भजन-पूजन करने वाले कल्पवासी लौटने लगे हैं। संगम व गंगा में डुबकी लगाकर कल्पवासी अपने शिविर पर आकर तीर्थपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर रहे हैं। आराध्य व पूर्वजों को नमन करके अगले वर्ष पुन: आने का संकल्प लेकर कल्पवासी घरों को लौटने लगे हैं। 




प्रसाद स्वरूप संगम का रज, तुलसी व जौ का पौधा साथ ले जा रहे हैं। कल्पवासियों के साथ संत भी लौटने लगे हैं। संतों ने सुबह स्नान करके खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ अपने मठ-मंदिरों में लौटने लगे हैं।

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