बिहार, झारखंड व बंगाल में बदलाव की पत्रकारिता के पुरोधा शैलेन्द्र दीक्षित का निधन

तीन राज्यों में दमदारी के साथ रखी थी दैनिक जागरण अखबार की नींव

प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो कानपुर 

बिहार, झारखंड व बंगाल में बदलाव की पत्रकारिता के पुरोधा शैलेन्द्र दीक्षित का सोमवार दोपहर निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जब तक उनके भाई और अन्य सहयोगी उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचते, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने उन्हें देख‌ते ही मृत घोषित कर दिया।


66 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र दीक्षित को दोपहर 2.13 मिनट में उलझन और बेचैनी महसूस हुई। उन्होंने अपने प्रिय और दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार ऋषि दीक्षित को फोन करके लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में दिखाने के लिए कहा। तत्काल उनके भाई डॉ. अरुण दीक्षित अपने साथ लेकर चले। हृदय रोग संस्थान ले जाते समय रास्ते में ही वह बेसुध हो गए। हृदय रोग संस्थान में चेकअप करते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका पार्थिव शरीर कानपुर के हरबंश मोहाल स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनके मित्रों और शुभचिंतकों को जैसे ही पता चला, उनके पार्थिव देह के दर्शन के लिए उनके घर पहुंचने लगे।

वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र दीक्षित अपनों के बीच संपादक जी के नाम से जाने जाते थे। सेवानिवृत्त होने के बाद भी एक फोन पर लोग उनके लिए खड़े रहते थे। उनके सिखाए पत्रकार देश भर के सभी प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और न्यूज चैनलों में कार्यरत हैं। तीन दशकों से अधिक समय से पत्रकारिता जगत में सक्रिय थे।

सामाजिक और खबरों के जादूगर अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गये है। उनके परिवार में तीन पुत्र, पुत्र वधुएं, पौत्र-पौत्री हैं। जिस समय उनका निधन हुआ, उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक की लहर है। उनके निधन की खबर पाकर कानपुर के पत्रकार, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि कानपुर स्थित आवास पहुंच शोक संवेदना प्रकट कर रहे है।

कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष ओम बाबू मिश्रा, महामंत्री अभय त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार कैलाश अग्रवाल, गजेंद्र सिंह, आलोक अग्रवाल, कुमार त्रिपाठी, सीनियर जर्नलिस्ट गौरव चतुर्वेदी, शैलेन्द्र मिश्रा, अजय पत्रकार, बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेश चन्द्र त्रिपाठी समेत शहर के सभी वरिष्ठ पत्रकारों और बुद्धजीवियों ने शैलेन्द्र जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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