भारतीय जनता पार्टी 65 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, अमरिंदर को 37 और ढींढसा को 15 सीटें मिलीं
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन के साथ सीटों का बंटवारा करके उनका ऐलान भी कर कर दिया है। इस बार का चुनाव भाजपा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और पुराने अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर लड़ रही है। पंजाब की 117 सीटों वाली विधानसभा में से भाजपा 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कैप्टन अमरिंदर की पार्टी 37 सीटों पर और ढींढसा की पार्टी 15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान और वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।
पंजाब के विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा पहली बार बड़े भाई की भूमिका में है। अब तक के चुनावों में वह शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती रही है। पिछली बार भाजपा ने 23 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, हालांकि जीत सिर्फ 3 सीटों पर मिली थी।
गठबंधन के सीट बंटवारे का ऐलान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली स्थित पार्टी के मुख्यालय में किया है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन न सिर्फ प्रदेश में सरकार बदलने के लिए, बल्कि भावी पीढ़ी को बचाने तथा पंजाब की स्थिरता के लिए चुनाव लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाने के लिए डबल इंजन सरकार की जरूरत है।
नड्डा ने कहा कि पंजाब एक सीमाई राज्य है, देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वहां एक स्थिर और मजबूत सरकार हो। हम जानते हैं कि पाकिस्तान किस तरह हमारे देश में दखल देने की कोशिश करता रहा है। हमने वहां ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग होते देखी है। पंजाब की 600 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल (बादल) के सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि उनकी पार्टी ने पंजाब में माफिया को रोकने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है। इसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने देश की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भाजपा से हाथ मिलाया है। अपने ही शासन काल की आलोचना करते हुए अमरिंदर ने कहा कि जब वे पंजाब के मुख्यमंत्री थे तब राज्य में हथियारों और ड्रग्स की सीमा पार से तस्करी की कई घटनाएं हुईं।
अमरिंदर ने आरोप लगाया कि उनके मुख्यमंत्री रहते पाकिस्तान से कोई पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को मेरी कैबिनेट में शामिल कराना चाहता था। उन्होंने कहा, जब मैंने नवजोत सिद्धू को अपनी सरकार से हटाया तो मुझे पाकिस्तान से संदेश मिला कि सिद्धू उनके प्रधानमंत्री (इमरान खान) के पुराने दोस्त हैं। अगर उन्हें सरकार में बनाए रखें तो वे बहुत कृतज्ञ होंगे। अगर सिद्धू काम ना करें तो आगे आप उन्हें निकाल सकते हैं। अमरिंदर ने कहा कि सिद्धू अक्षम और बेकार आदमी हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान से किसने ऐसा आग्रह किया था।
भाजपा ने बीते शुक्रवार को पंजाब की 117 सीटों में से 34 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें 13 सिख, 9 दलित और 2 महिलाएं हैं। सूची में शामिल अन्य वर्गों में 12 किसान परिवार से और 9 अनुसूचित जाति के हैं। जिनके नाम इस सूची में शामिल हैं उनमें पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, हाल ही कांग्रेस से आए विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, अकाली नेता गुरचरण सिंह तोहड़ा के पोते कंवर वीर सिंह तोहड़ा भी शामिल हैं। नड्डा ने एक-दो नाम बदले जाने के भी संकेत दिए।
मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
इस बीच, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस लीजा गिल ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। कोर्ट ने पहले उनकी अंतरिम जमानत स्वीकार करते हुए जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। पंजाब सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि जांच में उन्होंने अभी तक पूरा सहयोग नहीं दिया है। पंजाब में एक दिन बाद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल शुरू होना है। ऐसे में कोर्ट का यह आदेश मजीठिया के लिए बड़ा झटका है। अब उन्हें या तो समर्पण करना पड़ेगा या राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा। उनके खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को मोहाली में नारकोटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
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