Health Tips : दादी मां के नुस्खे : सर्दियों में सेहत के लिए घरेलू उपाय

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प्रारब्ध हेल्थ डेस्क, लखनऊ

सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना 


रात को भिगोयी हुई 1 चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें 2 चम्मच शुद्ध शहद मिलाके चाटें | 1 घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें | पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है |


दूध के साथ शतावरी का 2-3 ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं |


रात को भिगोयी हुई 5-6 खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है |


रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |


आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर का बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |


100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 20 ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें | सुबह 3 ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है |


शक्तिवर्धक खीर :


3 चम्मच गेहूँ का दलिया व 2 चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें | प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें | आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं | यह खीर शक्तिवर्धक है |


हड्डी जोडनेवाला हलवा :


गेहूँ के आटे में गुड व 5 ग्राम बला चूर्ण डाल कर बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है | दर्द में भी आराम होता है |


सर्दियों में हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के 80 प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है |


सब प्रकार के उदर-रोगों में मट्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है | (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं |


नारियल के पानी से वायु होता हो तो


नारियल का पानी गुनगुना करके पियो, उसमे जरा-सा नमक, जरा-सा एक कालीमिर्च का पाऊडर मिलाके लें | वो नारियल का वायु काट देगा।


कैन्सर में


2- 20 ग्राम तुलसी का रस , 50 ग्राम ताजा दही के साथ कुछ दिन सुबह - शाम लेने से कैन्सर में आराम होता है ।


पौष्टिक गुणों से युक्त तिल की बर्फी


1-1कटोरी तिल व मूँगफली अलग – अलग सेंक लें व एक सूखा नारियल – गोला कस लें | 500 ग्राम गुड़ की दो तार की चाशनी बनाकर इन सबकी बर्फी जमालें |


स्वादिष्ट व पौष्टिक गुणों से युक्त यह बर्फी शीत ऋतु में बहुत लाभकारी है |


वात और पित्त सम्बन्धी बीमारियों में


3 नीम के पत्ते, 2 बेल के पत्ते और 2 काली मिर्च, अच्छी तरह से पीसें और 1 कप (70-80 ml) पानी में घोल के सुबह शाम पिया करें,तो वात और पित्त सम्बन्धी बीमारियाँ मिटेंगी और भूख भी अच्छी लगेगी l

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