प्लांट के कंप्रेसर में तेल के रिसाव से तीन दिन आक्सीजन की शुद्धता पर असर
आनन फानन लखनऊ से बुलाए इंजीनियर, आक्सीजन की शुद्धता कर रहे चेक
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
कोरोना की पहली और दूसरी लहर से सबक लेकर अस्पतालों को आक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रमुख सरकारी अस्पतालों में पीएम केयर फंड से आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। उसमें से एक प्लांट जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) के इमरजेंसी में लगाया गया है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा देश में मंडरा रहा है, ऐसे विषम स्थितियों में एलएलआर अस्पताल का आक्सीजन जनरेशन प्लांट तीन दिन तक खराब रहा। इस वजह से प्लांट से जनरेट होने वाली आक्सीजन की गुणवत्ता भी प्रभावित होने लगी। जब इसका पता चला तो आनन-फानन प्लांट की स्थापना करने वाली कंपनी के इंजीनियरों काे बुलया गया। उन्होंने बुधवार को आकर प्लांट को दुरुस्त किया।
एलएलआर अस्पताल परिसर में तीन आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। उसमें से एलएलआर इमरजेंसी में एक हजार लीटर क्षमता का आक्सीजन जनरेशन प्लांट एलएंड टी कंपनी ने स्थापित किया है। तीन दिन पहले हवा से आक्सीजन तैयार करने वाले कंप्रेसर में तेल का रिसाव हो गया। इस वजह से प्लांट से मिलने वाली आक्सीजन की गुणवत्ता प्रभावित होने लगी। जब आक्सीजन की शुद्धता 90 फीसद से कम हो गई तो सप्लाई रोक दी गई।
अस्पताल के अधिकारियों ने आनन फानन प्लांट लगाने वाली कंपनी को सूचित किया। बुधवार को एलएंडटी कंपनी के इंजीनियर अजय मौर्या अस्पताल पहुंचे। वह सुबह से प्लांट के कंप्रेसर को ठीक करने में जुट गए। दोपहर तक प्लांट में आक्सीजन की शुद्धता का स्तर 92 फीसद तक पहुंच गया। इसे चेक करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से डा. शैलेंद्र सिंह भी यहां पहुंचे। उन्होंने मरीजों तक पहुंचने वाली आक्सीजन का फ्लो और शुद्धाता का स्तर 90 प्रतिशत से अधिक रहने की जांच कर रहे हैं। इसकी मानीटरिंग दो दिन तक की जाएगी।
पीएम केयर फंड से इमरजेंसी में लगे प्लांट से जनरेट होने वाली आक्सीजन 70 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। उसका कंप्रेशर खराब होने के साथ ही पाइप लाइन भी खराब हो गए थे। उसके लिए शिकायत की गई थी। इस पर पूरी टीम चेक करने के लिए आई थी। उसे ठीक करने के बाद आक्सीजन की गुणवत्ता की चेकिंग कर रहे हैं।
- प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
if you have any doubt,pl let me know