कानपुर नगर समेत प्रदेश के 14 जिलों में जायकोव-डी वैक्सीन लगाने का निर्णय
शहर के 1,34,100 लाभार्थियों को लगाने के लिए मिली चार लाख दो हजार डोज
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शहर में फिलहाल तीन वैक्सीन हैं, जिसमें से स्वदेशी कोवैक्सीन व कोविशील्ड सरकारी क्षेत्र में निश्शुल्क लगाई जा रही है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी निजी क्षेत्र में उपलब्ध है। अब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन में एक और नई वैक्सीन जायकोव-डी को जोड़ा है। प्रदेश के 14 जिलों में नई वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया है, उसमें कानपुर नगर भी है। यहां के 1,34,100 लाभार्थियों को चार लाख दो हजार डोज मिली हैं।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए नई वैक्सीन जायडस कैडिला कंपनी ने तैयार की है। प्रदेश को नई वैक्सीन की 33.20 लाख डोज मुहैया कराई गई है। पहले चरण में 14 जिलों के लिए 33 लाख 20 हजार डोज आवंटित की गई हैं, जो 11 लाख छह हजार लोगों के लिए हैं। इस वैक्सीन की तीन डोज एक व्यक्ति को लगाई जाएगी। पहले डोज के बाद दूसरी और तीसरी डोज 28-28 दिन के अंतराल में लगेगी। नई वैक्सीन इंजेक्टेबल नहीं है, जिससे दर्द रहित वैक्सीनेशन होगा।
इन जिलों में लगेगी वैक्सीन
कानपुर नगर, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, आजमगढ़, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली व अलीगढ़।
28-28 दिन के अंतराल वैक्सीन की तीन डोज
मौजूदा दोनों कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जाती हैं। नई वैक्सीन की तीन डोज लगाई जाएगी। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई व्यक्ति नई वैक्सीन लगवा सकता है। पहली डोज लगवाने के बाद शेष दोनों डोज 28-28 दिन के अंतराल में लगाई जाएगी। इस हिसाब से 56 दिन में तीनों डोज लग सकेंगे।
निडिल फ्री वैक्सीन, इंजेक्शन नहीं
इस वैक्सीन को लगाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमान नहीं किया जाएगा, यह वैक्सीन निडिल फ्री है। इसे जेट इंजेक्टर के जरिए लगाई जाएगी, जिसे फार्माजेट कहा जाता है।
पहली प्लासमिड डीएनए वैक्सीन
कोरोना की यह पहली प्लासमिड डीएनए वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड यानी डीएनए और आरएनए के एक हिस्से का इस्तेमाल करके शरीर के भीतर कोविड के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ इम्यून रिस्पांस तैयार करती है।
वैक्सीनेशन से पहले देंगे प्रशिक्षण
नई वैक्सीन से वैक्सीनेशन से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रशिक्षित करेगी। फार्माजेट तकनीक से वैक्सीन लगाने का तरीका स्वास्थ्य कर्मचारियों को सिखाया जाएगा। ताकि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन शुरू कराया जा सके।
नई वैक्सीन 2-8 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रहती है। इसकी थर्मास्टेबिलिटी भी पहले की वैक्सीन से बेहतर है। इसलिए कोल्ड चेन और स्टोरेज की समस्या नहीं होगी और वैक्सीन बर्बाद भी नहीं होगी। कानपुर नगर समेत 14 जिलों को वैक्सीन आवंटित कर दी गई है। शासन ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है।
डा. जीके मिश्रा, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल।
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