- उच्च रक्तचाप, डायबिटीज के मरीज एवं बच्चों के लिए पटाखों की आवाज एवं धुंआ है हानिकारक
- आरोग्यधाम ग्वालटोली के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन व डॉ आरती मोहन का आग्रह, दीपावली इको फ्रेंडली मनाएं
- कोरोना एवं डेंगू से घबराए नहीं, 500 से अधिक मरीज आरोग्यधाम के होम्योपैथिक उपचार से हो चुके हैं स्वस्थ
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
दीपावली की पूर्व संध्या पर बुधवार को आरोग्यधाम ग्वालटोली में दीपावाली के पटाखों के धुंए का लोगों के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव एवं मिलावटी खोआ से बनी मिठाइयों के सेवन से किडनी एवं लिवर को होने वाली क्षति पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमंत मोहन व डॉ. आरती मोहन ने दीपावाली पर पटाखों के धुंए एवं मिलावटी खोआ से बनी मिठाइयों के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधित समस्या से आमजन को अवगत कराया गया।
आरोग्यधाम ग्वालटोली के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमंत मोहन ने बताया की दीपवाली की रात जलने वाले पटाखों के धुंए से वायु में हानिकारक कणों का पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। जो कोरोना काल में संक्रमित हुए लोगों के फेफड़ों के लिए एवं हाल ही में डेंगू संक्रमण से बाहर आए रोगियों के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। आरोग्यधाम के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती मोहन ने बताया की मिलावटी खोआ से बनी मिठाइयां खाने से हमारे शरीर के किडनी एवं लिवर दोनों अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसका अधिक सेवन करने पर किडनी फेल होने की संभावना भी होती है।
संगोष्ठी में आरोग्यधाम के संस्थापक एवं भारतीय विद्यालय इंटर कॉलेज के भूतपूर्व प्रधानाचार्य व रसायन विभाग विभागाध्यक्ष आरआर मोहन ने लोगों से प्रतिष्ठित दुकान से मिठाइयां खरीदने एवं ग्रीन पटाखे चलाने का अनुरोध किया। साथ ही आए हुए सभी पत्रकार बंधुओं को दीपावली की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में समाजसेवी नीतीश पांडे, मनीष शर्मा, प्रशांत शर्मा, सचिन शुक्ला, आशीष यादव, अनुज अवस्थी, सौम्या, श्रुति आदि उपस्थित रहे।
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