- अयोध्या से बिठूर जाते समय काकोरी क्षेत्र में किया था विश्राम, हर साल लगता मेला
- ऐतिहासिक तालाब के लिए 157.70 लाख रुपये स्वीकृत, 40 लाख रुपये भी जारी
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ
भारत चमत्कारों का देश है। पौराणिक मान्यताओं एवं धार्मिक आस्था पर आमजन का आज भी भरोसा कायम है। इसी का जीता-जागता प्रमाण प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक घुरघुरी तालाब। मान्यता है कि यह भगवान श्रीराम के काल का है। जब श्रीराम ने माता सीता को त्याग दिया था। तब माता सीता अयोध्या से इस रास्ते से होते हुए बिठूर गईं थी। लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में विश्राम के लिए रुकी थीं और घुरघुरी तालाब में अपने पैर धोए थे। पैर धोने से तालाब का पानी अमृत तुल्य हो गया।
मान्यता है कि तालाब का जल लेकर घाव में लगाने से गंभीर से गंभीर घाव भरने लगते हैं। इसका जल बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को सेवन कराने से बीमारियों ठीक हो जाती हैं। इस क्षेत्र के आसपास बसने वाले गांवों के लोग कागज में अपनी समस्याएं व मन्नतें लिखकर यहां अर्जी दीवार में लगा देते हैं। ऐसा करने वालों की मुरादें भी पूरी होती हैं। साढ़े चार बीघे खुले परिसर में बना यह तालाब अपने में माता सीता की स्मृतियां संजोए हुए है।
स्थानीय निवासी महादेव प्रसाद अवस्थी ने बताया कि तालाब को गोड़ धुली के नाम से भी जाना जाता है। समय के साथ नाम भी बदलता चला गया। कालांतर में दस्तावेजों में इस तालाब का नाम घुरघरी दर्ज है। यह गुरुदयाल लाला के नाम पर दर्ज है। उनके बारे में लोगों को कुछ पता भी नहीं है।
घुरघुरी तालाब के किनारे आदि शक्ति दुर्गा और हनुमान जी का मंदिर भी है। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां लगने वाले मेले में दूर-दरात से लोग यहां आते हैं। उन्नीसवीं सदी में एक हिंदू राजा गुरुदयाल ने इस तालाब का जीर्णोद्धार कराया था। इस तालाब के प्रति लोगों में भारी आस्था है। दूर-दरात से लोग यहां तालाब में पूजा-पाठ करते हैं।
मोहान रोड पर काकोरी विकास खण्ड के अन्तर्गत ऐतिहासिक घुरघुरी तालाब कई दशकों से उपेक्षित पड़ा रहा है। देखरेख के अभाव में तालाब का पानी दूषित होता चला गया। अब इस तालाब के जीर्णोद्धार का बीड़ा सरोजनी नगर क्षेत्र की विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने उठाया है। अब लोगों के आस्था एवं ऐतिहासिक महत्व के तालाब के दिन फिर से बदलने की उम्मीद है।
राजमंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से आस्था के इस प्रमुख केंद्र को सुंदर एवं आकर्षक बनाने के साथ-साथ इसके समृद्ध इतिहास से जनमानस को रूबरू कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसी क्रम में तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 157.70 लाख रुपये की धनराशि यूपी पर्यटन-विकास विभाग की ओर से स्वीकृत की गई है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बजट को स्वीकृत करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 40 लाख रुपये भी जारी कर दिए हैं। इसके जीर्णोद्धार का काम शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। उत्तरप्रदेश सरकार की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह जल्द से जल्द कार्य शुरू कराने के लिए प्रयासरत हैं।
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