- कैंट क्षेत्र के सेवन एयर फोर्स हास्पिटल में चल रहा इलाज, डीएम जानने पहुंचे हाल
- संपर्क में आए 22 लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया, लखनऊ व पुणे
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
जिले में जीवा वायरस ने दस्तक दे दी है। परदेवनपुरवा में रहने वाले एयरफोर्स कर्मचारी में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनका सैंपल जांच के लिए महाराष्ट्र के पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआईवी) भेजा गया था, वहां से रिपोर्ट आने के बाद शासन-प्रशासन में खलबली मच गई। जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर एयरफोर्सकर्मी का हाल जानने के लिए कैंट स्थित सेवन एयर फोर्स हास्पिटल पहुंचे। साथ ही अपर निदेशक एवं सीएमओ को बचाव के उपाय करने के निर्देश दिए।
कोरोना वायरस का संक्रमण अभी जिले में पूरी तरह से थम भी नहीं पाया है कि नई मुसीबत सामने आ गई है। मध्य अमेरिका एवं अफ्रीका के देशों में कहर बरपाने वाले जीका वायरस ने शहर में दस्तक दे दी है। परदेवनपुरवा निवासी एयरफोर्स कर्मचारी संक्रमित मिला है। उसे सेवन एयरफोर्स हास्पिटल के आईसीयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। संक्रमण की पुष्टि के बाद उसके घर के पांच सदस्यों समेत उसके रिश्तेदारों व इलाज करने वाले डाक्टर व मेडिकल स्टाफ समेत 22 के सैंपल जांच के लिए लेकर एनआईवी पुणे भेजे गए हैं। साथ ही लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भी भेजा गया है।
महकमा अलर्ट, 10 टीमें लगाईं
जीका वायरस की दस्तक के बाद जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर कैंट स्थित सेवन एयरफोर्स हास्पिटल पहुंचे। डाक्टरों से इलाज एवं स्थिति को लेकर रिपोर्ट भी मांगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डा. वीके चौधरी लखनऊ से यहां आए। उन्होंने अपर निदेशक डा. जीके मिश्रा और सीएमओ डा. नेपाल सिंह के साथ बैठक की। उन्हें रोकथाम के हर संभव उपाय अपनाने के निर्देश दिए। सीएमओ ने 10 टीमें गठित की हैं, जो सैंपलिंग करेंगी। शनिवार को परदेवननपुरवा में फागिंग, सफाई और मच्छर से बचाव के उपाय बताए गए।
महिलाओं व गर्भवती के लिए खतरनाक
पूर्व जिला महामारी वैज्ञानिक डा. देव सिंह ने बताया कि जीका वायरस मच्छर के काटने से फैलता है। जीका वायरस का करियर एडीज एजेप्टी नामक मच्छर होता है। इसका मच्छर भी दिन के समय ही काटता है। यह वायरस गर्भवती एवं महिलाओं के लिए अधिक घातक और खतरनाक होता है। वायरस का संक्रमण होने पर वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे के ब्रेन पर सीधे अटैक करता है, जिससे बच्चे के सिर का आकार छोटा हो जाता है। बच्चे में विक्रति भी आ सकती है। इस मच्छर की वजह से ही डेंगू और चिकुनगुनिया भी फैलता है। आमतौर पर यह वायरल देश के दक्षिण हिस्से के तटीय क्षेत्र में पाया जाता है। मुख्यत: जीका वायरस दक्षिण अफ्रीका के देशों और मध्य अमेरिका में अधिक फैलता है।
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