Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (4 सितंबर 2021)

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दिनांक 04 सितंबर, शनिवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत : 1943

अयन : दक्षिणायन

ऋतु : शरद

मास : भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - श्रावण)

पक्ष - कृष्ण

तिथि - द्वादशी सुबह 08:24 तक तत्पश्चात त्रयोदशी


नक्षत्र - पुष्य शाम 05:45 तक तत्पश्चात अश्लेशा


योग - वरीयान सुबह 09:39 तक तत्पश्चात परिघ


राहुकाल - सुबह 09:30 से सुबह 11:05 तक


सूर्योदय - 06:24


सूर्यास्त - 18:50


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


पंचक

18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक

व्रत और पर्व

एकादशी

17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी व्रत

प्रदोष

04 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

पूर्णिमा

 20 सितंबर सोमवार भाद्रपद

अमावस्या

07 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद अमावस्या


व्रत पर्व विवरण - शनि प्रदोष व्रत पर्युषण पर्व प्रारंभ पंचमी पक्ष (जैन)


 विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।

(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

              

शनि प्रदोष


शनिवार को प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि हो तो उसे शनिप्रदोष कहा जाता है।


हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 04 सितम्बर, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए।

 

ऐसे करें व्रत व पूजा


-प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।


-पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।


-भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।


-भगवान शिवजी  की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन  ब्रह्मचर्य का पालन करें।


 ये उपाय करें


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी  को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी  की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।

               

कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि 


05 सितम्बर 2021 रविवार को मासिक शिवरात्रि है।

हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले।इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।

ॐ शिवाय नम:

ॐ सर्वात्मने नम:

ॐ त्रिनेत्राय नम:

ॐ हराय नम:

ॐ इन्द्र्मुखाय नम:

ॐ श्रीकंठाय नम:

ॐ सद्योजाताय नम:

ॐ वामदेवाय नम:

ॐ अघोरह्र्द्याय नम:

ॐ तत्पुरुषाय नम:

ॐ ईशानाय नम:

ॐ अनंतधर्माय नम:

ॐ ज्ञानभूताय नम:

 ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:

ॐ प्रधानाय नम: 

ॐ व्योमात्मने नम:

ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:


 आर्थिक परेशानी से बचने हेतु-


हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि - कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है | तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।तो आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी।

प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना |बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना, | इससे व्यक्ति के सिर पे कर्जा हो तो जल्दी उतरता है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है ।

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