विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद
मास : भाद्रपद
पक्ष : शुक्ल
तिथि - द्वादशी सुबह 06:54 बजे तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र : धनिष्ठा 19 सितम्बर रात्रि 03:21 बजे तक तत्पश्चात शतभिषा
योग : सुकर्मा शाम 06:25 बजे तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल : सुबह 09:30 बजे से सुबह 11:01 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 06:27 बजे
सूर्यास्त : संध्या 18:37 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
पंचक
18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
एकादशी
17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी
प्रदोष
18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत
व्रत पर्व विवरण
शनि प्रदोष व्रत, गोत्रिरात्रि व्रत आरंभ, त्रयोदशी क्षय तिथि
विशेष
द्वादशी को पूतिका (पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दुकान में बरकत ना हो तो
दुकान में अपनी जिनकी, जिनका अपना कारोबार है, अपना कुछ काम धंधा करते हैं और दुकान-धंधे में बरकत नहीं तो क्या करें ? सुबह घर से पूर्व दिशा की ओर मुँह करके तिलक करके जायेंं। दुकान में जाके थोडा सा कपूर जला ले, गुरुदेव और गणपतिजी की तस्वीर रखें और गणेश गायत्री मंत्र बोलें
एकदंताय विद्यमहे वक्रतुंडाय धीमहि। तन्नोदंती प्रच्चोदयात।।
ये गणेश गायत्री मंत्र पांच बार, ग्यारह बार बोल लें अपने आप सही होने लगेगा।
ज्योतिष शास्त्र
19 सितंबर, रविवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है। घरों व सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन विसर्जन से पहले नीचे बताए गए छोटे-छोटे उपाय करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
पैसा, नौकरी व बिजनेस हर समस्या का हल है ये उपाय
भगवान श्री गणेश को पूजा में रेशमी दुपटटा चढ़ाएं। दाम्पत्य जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़ेगा। भगवान श्री गणेश को पांच तरह के लड्डुओं का भोग लगाएं। भौतिक सुख-सुविधाएं मिलेंगी। श्री गणेश का अभिषेक गाय के कच्चे दूध (बिना उबला) से करें। धन की कमी पूरी होगी। स्फटिक से बनी श्री गणेश की मूर्तियाँ भक्तों को बांटें। समाज में मान-सम्मान मिलेगा।
श्री गणेश को ताजी, हरी दूर्वा चढ़ाएं। मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होगी। श्री गणेश को सिंदूर चढ़ाएं। ऑफिस और परिवार में चल रही समस्याएं समाप्त होंगी। आम के पत्तों से भगवान श्री गणेश की पूजा करें। सभी तरह के रोग ठीक होने लगेंगे। भगवान श्री गणेश को गुड, चीनी और दही का भोग लगाएं। आने वाले संकटों से बचेंगे। भगवान श्री गणेश का पंचामृत से अभिषेक करें। पैसों से संबंधित फायदा होने के योग बन सकते हैं। तांबे के सिक्के को काले धागे में बांधकर श्री गणेश को चढ़ाएं। धन लाभ होगा।
भगवान श्री गणेश को गुलाब के 21 फूल चढ़ाएं। संतान संबंधी समस्या का निदान होगा। पीले रेशमी कपड़ा भगवान श्री गणेश को अर्पित करें। नौकरी व व्यापार में लाभ होगा।
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