Breaking News : मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन अब कहलाएगा बनारस

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  • रेलवे बोर्ड ने प्रदान की स्वीकृति, बुधवार रात 12 बजे के बाद से बदल गया नाम



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, वाराणसी

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के क्षेत्र में पड़ने वाले मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बनारस रेलवे स्टेशन हो गया है। इसकी स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई है। बुधवार को रेलवे स्टेशन का नाम भी बदल दिया गया है। अब स्टेशन पर बनारस के बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। आज के बाद से मंडुवाडीह जहां इतिहास हो गया है। वहीं, बनारस अब इस रेलवे स्टेशन की पहचान हो गया है।


पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी-प्रयागराज (इलाहाबाद) रेलखंड पर स्थित मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम मंडुवाडीह के स्थान पर बनारस करने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई है। बुधवार को मंडुवाडीह स्टेशन का नाम परिवर्तन करने की कार्रवाई की गई। अब इस स्टेशन का नाम हिन्दी में बनारस तथा अंग्रेज़ी में BANARAS होगा। इस स्टेशन का रेलवे का कोड BSBS होगा। काशी के विद्वत जन की मांग पर इस स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में इसका नाम (बनारसः) अंकित किया जा रहा है। 


बुधवार-गुरुवार रात 12 बजे (15 जुलाई 21) से इस स्टेशन से जारी होने वाले टिकटों पर भी बनारस एवं स्टेशन कोड BSBS कर दिया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह नगर हिन्दू देवता शिव की नगरी रूप में भी ख्याति प्राप्त है। शिव की नगरी के पर्यायवाची शब्दों में बनारस भी क्षेत्रीय लोकाचार की भाषा में प्रसिद्धि प्राप्त किए हुए है।


विकास की परिकल्पनाओं को साकार करते हुए, मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करते हुए इसके नया स्वरूप प्रदान किया है। यह विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन किसी हवाई अड्डे की तरह दिखता है। नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन विश्व स्तर का है। यह किसी बड़े प्रतिष्ठित निगमित कॉरर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है। स्टेशन का आर्किटेक्ट न केवल स्टेशन भवन मंडुआडीह को अलग बनाता है‌। इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी हैं। 


नए रूपांतरित स्टेशन में विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय, उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढियां, लिफ्ट्स, फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वीआईपी लाउन्ज, पार्किंग, सेल्फी पॉइंट, राष्ट्रीय ध्वज, धरोहर के रूप में छोटी लाइन का इंजन, विस्तृत ग्रीन और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग/आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है। स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी भी हैं। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है। इस स्टेशन को उन्नत यात्री सुविधाओं के रख-रखाव के लिए आई एस ओ सर्टिफिकेशन एवं साफ- सफाई एवं कुशल प्रबंधन के लिए 5 एस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है।

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