Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (3 अप्रैल 2021)

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दिनांक 03 अप्रैल, शनिवार


विक्रम संवत : 2077, शक संवत : 1942


अयन - उत्तरायण


 वसंत ऋतु


चैत्र मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)


कृष्ण पक्ष


सप्तमी तिथि 04 मार्च प्रातः 04:12 बजे तक तत्पश्चात अष्टमी


मूल नक्षत्र 04 अप्रैल रात्रि 02:39 बजे तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा


वरीयान् योग रात्रि 08:59 बजे तक तत्पश्चात परिघ


राहुकाल - सुबह 09:36 बजे से सुबह 11:09 बजे तक


सूर्योदय - 06:31 बजे, सूर्यास्त - 18:52 बजे


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


व्रत पर्व विवरण 


विशेष 


सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है। शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')


शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')


हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)


भविष्य पुराण

भविष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें महापाप माना गया है। आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।


 ये हैं 5 सबसे बड़े पाप


1. अनीति का धन


किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है।


2. गुरु से धोखाधड़ी


गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है। गुरु को पिता के समान मानना चाहिए। गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है।


3. पशुओं पर अत्याचार


पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।


4. शराब पीना

शराब में तीन प्रकार के पाप बताएँ गए हैं। स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दूर रहना चाहिए। किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है।


5. चोरी करना

जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है। चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है।इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।


सफलता पाने के लिए

सुबह उठो तो उससे थोड़ी देर विश्रांति पाकर प्रार्थना करने के बाद अपना जिस नथुने से श्वांस चलता है वही हाथ मुंह को उसी तरफ घुमाकर वही पैर धरती पर रखोगे तो आपको कार्यों में सफलता मिलेगी। विघ्न बाधाएँ आराम से टलेंगे, लेकिन ईश्वर केवल विघ्न बाधा टालने के लिए नहीं है ! ईश्वर तो पाने के लिये हैं ! आप सम्राट से चपरासी का काम ज्यादा दिन मत लेना।


पंचक


7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक


व्रत का विवरण


07 अप्रैल : पापमोचिनी एकादशी


09 अप्रैल : प्रदोष व्रत


23 अप्रैल : कामदा एकादशी


24 अप्रैल : शनि प्रदोष व्रत


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