Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (15 अप्रैल 2021)

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दिनांक : 15 अप्रैल, दिन : गुरुवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : उत्तरायण


वसंत ऋतु


चैत्र मास


शुक्ल पक्ष


तृतीया तिथि शाम 03:27 बजे तक तत्पश्चात चतुर्थी


कृत्तिका नक्षत्र रात्रि 08:33 बजे तक तत्पश्चात रोहिणी


आयुष्मान् योग शाम 05:20 बजे तक तत्पश्चात सौभाग्य


राहुकाल : दोपहर 02:14 बजे से शाम 03:48 बजे तक


सूर्योदय : सुबह 06:20 बजे


सूर्यास्त : संध्या 18:56 बजे


दिशाशूल : दक्षिण दिशा में



पंचक


4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक


1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक


28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक


व्रत-पर्व विवरण


23 अप्रैल : शुक्रवार कामदा एकादशी


24 अप्रैल : शनि प्रदोष


26 अप्रैल : सोमवार चैत्र पूर्णिमा


07 मई : शुक्रवार वरुथिनी एकादशी


08 मई : शनि प्रदोष


11 मई : मंगलवार वैशाख अमावस्या


23 मई : रविवार मोहिनी एकादशी


24 मई : सोमवार प्रदोष


06 जून : रविवार अपरा एकादशी


07 जून : सोमवार प्रदोष व्रत


10 जून बृहस्पतिवार, ज्येष्ठ अमावस्या


21 जून : सोमवार निर्जला एकादशी


22 जून : भौम प्रदोष



व्रत पर्व महात्म्य


मत्सय जयंती, गौरी-आंदोलन-मनोरथ तृतीया


विशेष


तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)



चैत्र नवरात्रि : कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंद्रघंटा


नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप हैं । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। इस वजह से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं। साथ ही सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।


माता का भोग


तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं। ऐसा करने से भक्त गणों को दुखों से मुक्ति मिलती है।


गणगौर तीज


चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 15 अप्रैल, गुरुवार को है। गणगौर उत्सव में मुख्य रूप से माता पार्वती व भगवान शिव का पूजन किया जाता है। भगवान शंकर-माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ उपाय भी कर सकते हैं। ये उपाय निम्न हैं :-


1. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।


2. शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।


3. माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।


4. माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है। दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपुआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाती है।


5. भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।


6. भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। धतूरे के फूल के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो परिवार का नाम रोशन करता है। लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।


7. भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।


8. देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।


9. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।


10. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।


11. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति हो सकती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।


12. द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है।


13. शिवजी को जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है व गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।


14. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाकर गरीबों को दान करने से लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।


15. माता पार्वती का अभिषेक दूध से किया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।


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