- लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर एवं प्रयागराज में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रहेगा बंद
- मुख्यमंत्री प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित 13 जिलों की स्थिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की समीक्षा
कोरोना वायरस के संक्रमण से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा के दौरान सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। प्रदेश के प्रमुख शहरों में रात का कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है, जो रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक रहेगा, यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक लागू रहेगी। इस दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन ही आने-जाने की अनुमति रहेगी। बुधवार देर रात से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर एवं प्रयागराज के डीएम ने नाइट कर्फ्यू में लागू कर दिया है। इन जिलों में आवश्यक सेवाओं एंबुलेंस, दूध, सब्जी, फल, दवा, पेट्रोलियम ले जाने वाले वाहन मुक्त रहेंगे। निजी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के साथ-साथ दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति तेजी से खराब हो रही है। वहां रहे रहे प्रदेश के नागरिकों की वापसी संभावित है। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हैं। इसका सफलतापूर्वक सामना करना है। पिछले वर्ष प्रदेश के सभी जिलों ने कोरोना प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया था, इस बार भी टीम वर्क से इस लड़ाई को जीतेंगे।
तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यहां केस की संख्या अधिक हैं। इसलिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाई जाए। ट्रेस करके टेस्ट कराएं, ताकि जरूरत के अनुसार इलाज दिया जाए। आरआरटी और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता बढ़ाई जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिक से अधिक इस्तेमाल आमजन को जागरूक करें। मास्क न लगाने पर जुर्माना लगाया जाए। इन जिलों में निगरानी के लिए तत्काल विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती की जाए।
जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं अथवा जहां एक्टिव केस 500 से अधिक हैं। वहां माध्यमिक विद्यालयों में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप अवकाश का निर्णय लें। जिलों में रात्रि में आवागमन नियंत्रित रखने के संबंध में भी समुचित निर्णय लिया जाए। किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री अधिकारियों के साथ जिलों का दौरा करके स्थिति देखें। व्यवस्था सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दें। कुछ दिनों में प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जिलों का औचक निरीक्षण करके स्थिति देखेंगे।
कोई कमी न होने पाए
प्रभावित जिलों में पीपीई किट, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थरमामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित आवश्यक लॉजिस्टिक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिचित की जाए। जिले में लॉजिस्टिक के अभाव की शिकायत नहीं आनी चाहिए। जरूरत हो तो तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।
आपदाकाल में एकजुट होकर काम करना होगा। सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के एम्बुलेंसों को कोविड मरीजों के उपयोग में लाया जाए। इन एम्बुलेंसों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाए।मरीजों को तत्काल रिस्पॉन्स मिलना चाहिए।
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