Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग और व्रत-त्योहार (08अप्रैल 2021)


दिनांक 08 अप्रैल 2021, गुरुवार


विक्रम संवत : 2077, शक संवत : 1942


अयन : उत्तरायण


ऋतु : वसंत


मास : चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)


पक्ष : कृष्ण


तिथि : द्वादशी 09 अप्रैल रात्रि 03:15 तक तत्पश्चात त्रयोदशी


नक्षत्र : शतभिषा 09 अप्रैल प्रातः 04:58 बजे तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद


योग : शुभ दोपहर 01:52 बजे तक तत्पश्चात शुक्ल


राहुकाल : दोपहर 02:14 बजे से शाम 03:48 बजे तक


सूर्योदय : 06:27 बजे


सूर्यास्त : 18:53 बजे


दिशाशूल : दक्षिण दिशा में



पंचक


7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक


व्रत और उपवास


09 अप्रैल : प्रदोष व्रत


23 अप्रैल : कामदा एकादशी


24 अप्रैल : शनि प्रदोष व्रत



विशेष 


द्वादशी को पूतिका (पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाना मना होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


प्रदोष व्रत का माहात्म्य


हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करते हैं। इस बार 09 अप्रैल, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए...।

 

ऐसे करें व्रत व पूजा


प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।


बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।


पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दोबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।


भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।


भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें। उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।


ये उपाय करें


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं। ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।

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