Important Tips To Prevent Corona Virus (Covid-19) कोरोना वायरस : संक्रमण के तीसरे दिन से दिखने लगते हैं लक्षण, संक्रमण के भी तीन चरण

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प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ

वैश्चिक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण देश में कहर बरपा रहा है। दिन-प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, वहीं मौत का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आ रही हैं। अस्पतालों में बेड हैं। बेड मिल भी गया तो ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। दवाइयों की बात तो दूर है। इन हालात में बेहतर है कि स्वयं सतर्क और सुरक्षित रहें। पूर्व जिला महामारी विशेषज्ञ एवं पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. देव सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण होने के तीसरे दिन से लक्षण प्रकट होने लगते हैं। संक्रमण के तीन चरण हैं, पहला चरण तो सामान्य है, जबकि दो चरणामें सतर्कता और सजगता जरूरी है। आए जाने डॉ. देव सिंह से तीनों चरण के संक्रमण के लक्षण और बचाव के उपाए।



कोरोना वायरस का संक्रमण होने के बाद तीसरे दिन लक्षण प्रकट होते हैं। इसे पहले चरण के संक्रमण का लक्षण कहा जाता है, जो निम्न हैं।


पहला चरण


बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द, आंखों में दर्द, सिरदर्द, उल्टी, दस्त, नाक से पानी आना या नाक जाम होना, आँखों में जलन, पेशाब करते समय जलन होने लगती है। ऐसे लक्षण प्रकट होने के बाद एक-एक कर तीन दिनों की गिनती करना महत्वपूर्ण है।


अगर उपरोक्त लक्षण बुखार के साथ प्रकट होने लगे तो सतर्क हो जाएं। वायरस शरीर में प्रवेश करने के लिए श्वते रक्त कर्णिकाओं को खत्म करने लगता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। तरल पदार्थों का सेवन शुरू कर दें। खासकर पानी, छाछ, सिकंजी लेते रहें। ध्यान रखना है कि ठंडा न हो। संक्रमण होने के बाद गला तेजी से सूखने लगता है। इसलिए गले को सूखने से बचाने के लिए और श्वांस नली से लेकर फेफड़ों को साफ रखने के लिए गुनगुना पानी पिएं। संभव हो तो नीबू भी डाल सकते हैं।


दूसरा चरण


संक्रमण होने के चौथे दिन से लेकर आठवें दिन तक संक्रमण तेजी से फैलता है। शरीर के अंदर सूजन होने लगती है। साथ ही स्वाद और गंध का अहसास होना खत्म हो जाता है। किसी भी चीज का स्वाद और गंध नहीं मिलती है। थोड़ा भी चलने और उठने-बैठने में थकान महसूस होने लगती है।

सीने में दर्द यानी पसलियों में दर्द और छाती में कसाव महसूस होने लगता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है, जहां गुर्दे होते हैं।



ऐसी स्थिति में वायरस शरीर के तंत्रिता तंत्र पर हमला करने लगता है। यहां एक बात कहना अहम है कि थकान की वजह से दिक्कत और सांस लेने में तकलीफ होने का अंतर समझ में आना चाहिए। बैठने में भी घुटन महसूस होती है। बिना कोई प्रयास के ही हाफ़ने लगता है। थकान तब होती है जब व्यक्ति कुछ करने के लिए घूमता है। थकान का अहसास होता है। ऐसे स्थिति में शरीर में अत्याधिक पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में पानी के साथ ही विटामिन सी की आवश्यकता पड़ती है। कोविड -19 ऑक्सीजन लेने में अवरोध उत्पन्न करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी के साथ ही खून भी गाढ़ा होने लगता है।



तीसरा चरण


इलाज के साथ सुधार की स्थिति शुरू हो जाताी है। 9वें दिन, इलाज और सुधार की प्रक्रिया शुरू होने लगती है। जो दिन 14 तक चलती है। इसलिए कोरोना का संक्रमण का पता चलने के बाद इलाज में भूल कर भी विलंब न करें, जिनती जल्द इलाज शुरू करेंगे, उतनी जल्द स्वस्थ होंगे।


ऐसा करने से तेजी से होगा सुधार


इन सुझाव पर अमल करनेग से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम नहीं होती, लेकिन संक्रमण को रोकने में मदद जरूरी मिलती है।


यह हैं सुझाव


  • 15-20 मिनट के लिए धूप में बैठें।


  • आराम करें और कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।

प्रतिदिन डेढ़ लीटर पानी पिएं।


  • घर के सभी सदस्य गर्म खाने का सेवन करें।


  • कोरोना वायरस का पीएच लेवल 5.5 से 8.5 के बीच होता है।


  • इसलिए वायरस को खत्म करने के लिए और अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थ खाएं


  • शरीर में वायरस के एसिड स्तर से ऊपर एसिड होने से वायरस मर जाएगा।


इन फलों में कितना पीएच


केला व चूना : 9.9 पीएच


पीला नींबू : 8.2 पीएच


एवोकैडो : 15.6 पीएच


लहसुन : 13.2 पीएच


आम : 8.7 पीएच


मंदारिन : 8.5 पीएच


अनानास : 12.7 पीएच


वॉटरक्रॉस : 22.7 पीएच


संतरे : 9.2 पीएच


कोविड संक्रमण के लक्षण


आप को कैसे पता चलेगा कि कोविड का संक्रमण कैसे हो गया। काेरोना वायरस के संक्रमण के निम्न लक्षण हैं।

गले में खराश, गला सूखना, सूखी खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई और गंध और स्वाद न मिलना।



ऐसा करना है लाभदायक


  • अगर आप गर्म पानी पीते हैं तो गले के लिए अच्छा है।


  • कोरोना वायरस नाक के पैरानासल साइनस के पीछे 3 से 4 दिनों तक छिपा रहता है।


  • गर्म पानी पीने से वह वहां नहीं पहुंच पाता है।


  • 4-5 दिनों तक वायरस पैरानासल साइनस के पीछे छिपनके के बाद फेफड़ों तक पहुंचता है।


  • उसके बाद संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है।


  • इसीलिए भाप यानी स्टीम लेना ज़रूरी है, ताकि वायरस पैरानासनल साइनस के पीछे ही मर जाए।


  • 50 डिग्री सेल्सियस पर वायरस निष्क्रिय हो जाता है यानी लकवाग्रस्त हो जाता है।


  • 60 डिग्री सेल्सियस पर वायरस कमजोर हो जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली उसे हरा देती है।


  • 70 डिग्री सेल्सियस पर कोरोना वायरस पूरी तरह से मर जाता है।


  • घर पर रहने वाले दिन में एक बार भाप लें, अगर सब्जियां खरीदने बाहर जाते हैं तो दो बार लें।


  • अगर कार्यालय जाते हैं और लोगों से मिलते-जुलते हैं तो दिन में 3 बार भाप लेनी चाहिए।

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