- 250 कोरोना संक्रमित मरीजों पर प्रयोग में मिली उत्साहजनक परिणाम
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वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हर्ष निगम। फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया। |
वैश्विक महामारी जहां कहर बरपा रही है। संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। संक्रमितों के मौत का ग्राफ उठता जा रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा है। संक्रमित ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे हैं। कोरोना के गंभीर संक्रमितों के फेफड़े में संक्रमण की वजह से तेजी से ऑक्सीजन सैचुरेशन (ऑक्सीजन लेवल) गिरने लगता है। ऐसे मरीजों पर होम्योपैथिक दवाइयाें का इस्तेमाल कारगर साबित हो रहा है। अब तक ऐसे 250 गंभीर कोरोना संक्रमितों पर होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग किया गया है, जिससे उनके ऑक्सीजन सैचुरेशन में तेजी से सुधार देखा गया है।
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हर्ष निगम ने कोरोना के गंभीर मरीजों की हालत और ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार को देखते हुए आगे बढ़कर प्रयोग किया है। अब तक 250 कोरोना संक्रमितों पर होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग कर ऑक्सीजन सैचुरेशन बढ़ाने में कामयाब हुए हैं। डॉ. निगम होम्यापैथी हेल्थ केयर के इस अभिनव प्रयोग को हर जगह सराहा जा रहा है।
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हर्ष निगम का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के कई स्ट्रन सक्रिय हैं। खासकर महाराष्ट और गुजरात से यहां आया कोरोना के डबल म्यूटेटेड वायरस अधिक घातक है। ऐसे संक्रमितों में वायरस का संक्रमण होने के तीन से चार दिन में ही ऑक्सीजन सैचुरेशन तेजी से कम होने लगता है। शहर आ रहे ऐसे संक्रमितों की हालत तेजी से खराब होने लगती है। वायरस का बदला रूप पिछली लहर की तुलना में अत्याधिक घातक है।
डॉ. हर्ष का कहना है कि पहली लहर यानी वर्ष 2020 में 187 कोरोना संक्रमित आए थे। इस बार महज 15 दिनों में 250 गंभीर कोरोना संक्रमित इलाज के लिए आए हैं, जिन पर होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग किया गया है। इन संक्रमित रोगियों का तेजी से गिरता ऑक्सीजन सैचुरेशन संभल ही नहीं गया, बल्कि तेजी से उनकी स्थिति में सुधार भी होने लगा। इस तरह का अभिनव प्रयोग उनकी संस्था डॉ. निगम होम्योपैथी हेल्थ केयर से जुड़े होम्योपैथिक चिकित्सक देश के दूसरे राज्यों भी भी कर रहे हैं।
यह होती है समस्या
डॉ. हर्ष का कहना है कि पहली लहर के कोरोना वायरस और दूसरी लहर के कोरोना वायरस में जमीन आसमान का अंतर है। वायरस का बदला हुआ रूप इस बार युवाओं एवं बच्चों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। इसमें तेजी से फेफड़े प्रभावित होने लगते हैं, जिससे तेजी से निमोनिया होने लगता है। इसलिए संक्रमण के बाद पीठ में दर्द, शरीर में ऐंठन और रैपिड निमोनिया के लक्षण आने लगते हैं। संक्रमित को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
बचाव ही एक मात्र उपाए
डॉ. हर्ष निगम का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण न होने पाए, इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाए है। अगर किसी ने कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा ली है तब भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। उनका कहना है कि विश्व में पहले आईं महामारियों में भी होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति कारगर साबित हुई है। इस पैथी की दवाइयों में इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाया जाता है।
यह है जरूरी हथियार
- संक्रमण होने के बाद भी नियमित व्यायाम करते रहें।
- संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल एक्सरे व सीटी स्कैन कराएं।
- मास्क जरूर लगाएं, कपड़े का नहीं, बल्कि ट्रिपल लेयर एन-95 मास्क जरूरी।
- बगैर जरूरी कार्य के घर से बाहर न निकलें, भीड़ भाड़ की जगह पर जाने से बचें।
- बाहर जाएं तो दो गज की दूरी का पालन करें, अधिक देर तक एक जगह न रहें।
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