प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर न्यायालय ने गुरुवार को एक अहम फैसले में पुत्रवधू को सास की हत्या का दोषी मानते हुए पुत्रवधु को आजीवन कारावास की सजा और दस हजार रुपए का अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
शामली जिले के तैमूरशाह इलाके में 2016 में एक कलयुगी बहू ने अपनी सास की लकड़ी से पीट पीट कर निर्मम हत्या कर दी थी। आज उसी मामले में मुजफ्फरनगर की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने शामली में हुई साबरा की हत्या में पुत्रवधू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड ना देने की स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शामली के तैमूरशाह मौहल्ले में 23 नवंबर 2016 को साबरा की घर में ही हत्या कर दी गई थी। साबरा के बेटे सलमान ने मां की हत्या में अपनी पत्नी शमा परवीन को नामजद कराया था।
पुलिस ने विवेचना में साक्ष्यों का संकलन कर आरोपी बहू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। साबरा हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वितीय की न्यायधीश मधु गुप्ता की कोर्ट में हुई।
अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरोकारी करते हुए सरकारी अधिवक्ता अनोद बालियान और उनके सहयोगी अरुण जावला ने सात गवाह प्रस्तुत किए। न्यायधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद पुत्रवधू शमा परवीन को सास साबरा की हत्या का दोषी करार दिया।
अदालत ने आरोपी शमा परवीन को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सरकारी वकील अनोद बालियान ने बताया कि जेल में बिताए दिन सजा में समायोजित होंगे। अर्थदंड ना देने की स्थिति में तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
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