जापान में शनिवार देर रात आए भूकंप ने एक बार फिर से 11 मार्च 2011 के खौफनाक मंजर की यादें ताजा कर दीं। फुकूशीमा परमाणु बिजली घर में वर्ष 2011 में आए भूकंप ने भारी नुकसान पहुंचाया था। भूकंप से बिजली घर प्रभावित होने से बड़े क्षेत्र में विकिरण फैल गया था। भूकंप की वजह से सूनामी भी आई थी। इसकी चपेट में आकर 18 हजार से अधिक लोगों को असमय अपनी जान गंवानी पड़ी थी। Earthquake In Japan
रूस के बाद दूसरी बड़ी तबाही
सोविय संघ यानी रूस के चेरेनोबिल परमाणु बिजलीघर में इससे पहले भूकंप की वजह से भारी ताबही हुई थी। इस दुनिया की सबसे बड़ा आपदा के रूप में याद किया जाता है। हालांकि जापान में भूकंप के झटके महसूस करना सामान्य बात जाना जाता है। यह क्षेत्र भूकंप के लिए दुनिया का सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। Earthquake In Japan
इन क्षेत्रों में भूकंप के झटके
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक जापान कीमौसम विज्ञान एजेंसी (Japan Meteorological Agency)के हवाले से बताया गया है कि जापान के पूर्वोत्तर क्षेत्र के समुद्री तट पर भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए हैं। इनमें फुकुशिमा, मियामी और अन्य क्षेत्रों में महसूस किए गए हैं। जापान के सरकारी चैनल एनएचके टीवी के हवाले से बताया गया है कि फुकुशिमा दाई-इचि परमाणु संयंत्र में भूकंप की वजह से कोई खराबी नहीं आई है। न ही किसी प्रकार का नुकसान पहुंचा है। न ही किसी के मारे जाने की सूचना मिली है। Earthquake In Japan
भूकंप की वजह से कई शहरों में दहशत
सरकारी चैनल एनएचके टीवी के हवाले से बताया गया है कि भूकंप का केंद्र समुद्र में 60 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप के झटके जापान की राजधानी टोकियो समेत दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के कई शहरों में महसूस किए गए हैं, जिससे इन शहरों में रहने वाले दहशत में आ गए। इस क्षेत्र में मार्च 2011 में सुनामी ने कहर बरपाया था। सरकार के प्रवक्ता कात्सुनोबु काटो ने सरकारी टीवी चैनल के बताया कि भूकंप के बाद लगभग 9.5 लाख घरों की बिजली गुल हो गई थी। Earthquake In Japan
एक दिन पहले भारत में भूकंप के झटके
एक दिन पहले शुक्रवार की रात दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप रात 10.31 बजे आया था। भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में भूमि के नीचे करीब 90 किलोमीटर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई थी। भूकंप के झटके दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा एवं पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में महसूस किए गए थे।
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