- बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के घर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री
- सपा अध्यक्ष ने कहा- पीड़ित परिवार को हर संभव मेरा सहयोग
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को दिवंगत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के परिजवारीजनों से मिलने के लिए उसके बर्रा स्थित घर पहुंचे। जहां दस मिनट की मुलाकात में उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। कहा, अगर प्रदेश में अगली सरकार बनी तो इस प्रकरण की सीबीआइ जांच कराएंगे। जब वह संजीत के घर पर मौजूद थे, उसी दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने उसके घर के बाहर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरा किया वादा
बर्रा निवासी संजीत यादव क्षेत्र के एक नर्सिंगहोम में लैब टेक्नीशियन था। पार्टी के बहाने उसके दोस्तों ने 22 जून को उसे अगवा कर लिया था। उसके साथियों ने रतनलाल नगर में किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा था। 27 जून को उसकी हत्या कर शव पांडु नदीं में फेंक दिया था। 24 जुलाई को पुलिस ने मामले का खुलासा कर पांच आरोपियों को जेल भेज दिया था। उसका शव आज तक नहीं बरामद हाे सका है। इस प्रकरण की जानकारी होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद स्थानीय नेताओं की मदद से की थी। बाद में पीड़ित परिवार राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने लखनऊ गया था। उन्होंने लखनऊ में पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने के साथ उनके घर आने का वादा भी किया था, जिसे उन्होंने बुधवार को पूरा किया।
शादी में शिरकत करने आए थे साकेत नगर
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव औरैया के पूर्व ब्लाक प्रमुख राकेश यादव के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए कानपुर के साकेत नगर आए थे। वहां जाने से पहले अखिलेश यादव दोपहर 2.40 बजे संजीत यादव के घर पहुंच गए। जहां उन्होंने पिता चमनलाल, मां कुसमा, बहन रुची से मुलाकात की।
बहन बाेली, हर संभव मदद का भराेसा
दिवंगत संजीत की बहन रूची ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि सपा की सरकार बनने पर इस प्रकरण की सीबीआइ जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रूची का कहना है कि वर्तमान प्रदेश सरकार से उनके परिवार को न्याय की उम्मीद नहीं है। सीबीआई जांच के नाम पर सिर्फ छलावा किया गया है। वहीं, पुलिस ने आतंकियों की तरह बर्ताव किया है।
भाई के लिए इंसाफ ही मांग रहे
दिवंगत संजीत की बहन रुची ने रोते हुए कहा कि हम ताे अपने भाई के लिए सिर्फ इंसाफ ही मांग रहे थे। आज तक भाई का शव बरामद नहीं हआ। उसके साथ क्या हुआ कुछ पता नहीं। हत्या आरोपियों ने उसकी किडनी निकाली, लिवर निकाला क्या-क्या बेच कुछ पता नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने परिवार को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भी जाने नहीं दिया।
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