Good News : कानपुर घोलेगा भारत और नाइजीरिया के रिश्तों में मिठास

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर



कानपुर महानगर का राष्ट्रीय शर्करा संस्थान यानी नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआइ) भारत और नाइजीरिया के रिश्तों में मिठास घोलेगा। एनएसआइ के सहयोग से नाइजीरिया के चीनी उद्योग को नए सिरे से स्थापित किया जा रहा है।

इसमें गन्ने के उत्पादन से लेकर चीनी उत्पादन और उससे जुड़े उत्पाद बनाने की प्रक्रिया व टेक्नोलॉजी भी शामिल हैं।

नाइजीरिया में एनएसआइ की तर्ज पर संस्थान खुलेगा। वहां भवन निर्माण कराया जा चुका है। वहां के चार विशेषज्ञों को यहा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण थमते ही जल्द ही आठ और विशेषज्ञ शार्ट टर्म कोर्स करने के लिए यहां आएंगे।

यहां से प्रशिक्षण लेकर जाने वाले विशेषज्ञ वहां संस्थान की स्थापना, चीनी मिलों के संचालन एवं उससे कोर्स का निर्धारण करेंगे।


नाइजीरिया में खपत के हिसाब से महज तीन फीसद ही चीनी का उत्पादन है, जबकि 97 फीसद उन्हें ब्राजील, मलेशिया या अन्य देशों से आयात करना पड़ता है।


नाइजीरिया में गन्ने का उत्पादन अच्छा है। इसलिए वहां के विशेषज्ञाें ने एनएसआइ के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया था। इस समस्या के निराकरण के लिए चीनी उद्योग की स्थापना के लिए एनएसआइ और नाइजीरिया के नेशनल शुगर डेवलेपमेंट काउंसिल के बीच जनवरी 2019 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे।


चीनी उद्योग को आगे ले जाने के लिए मास्टर प्लान बनाया। खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारतीय तकनीक की मदद मांगी।


नाइजीरिया को चीनी उत्पादन के लिए तकनीकी रूप से सक्षम बनाने पर काम कर रहे हैं। गन्ना उत्पादन, रस की मात्रा, चीनी मिलों की क्षमता को बेहतर किया जाएगा।


सबसे पहले वहांं एनएसआइ की तर्ज पर संस्थान की स्थापना करना है। ताकि विशेषज्ञों और कर्मचारियों काे प्रशिक्षित किया जा सके। इसलिए वहां के संस्थान से रेगुलर कोर्स शुरू करना है। वहां की चार फैकल्टी को शुगर टेक्नोलॉजी, शुगर इंजीनियरिंग और इनवायरमेंटल साइंस में दाखिला दिया गया है।


कोविड-19 के प्रभाव की वजह से ऑनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है। वहां के संस्थान का कोर्स भी डिजाइन किया जा रहा है। यहां के विशेषज्ञ समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण के लिए नाइजीरिया जाते रहेंगे।

  • प्रो. नरेंद्र मोहन, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर।

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