- महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर लगाया था छह लाख रुपये मांगने का आरोप
- दूसरे दिन कार में मिले थे घायल, गले में लगी थी गोली, छह दिन अस्पताल में मौत से जंग
- गोली लगने की घटना के दूसरे दिन ही हटा दिए गए थे पाटीदार, शासन ने किया निलंबित
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
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कारोबारी इंद्रकांत की फाइल फोटो। सौ. सोशल मीडिया। |
कबरई के जवाहरनगर निवासी इंद्रकांत त्रिपाठी ने सात सितंबर को वीडियो वायरल कर महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को भ्रष्ट बताते हुए उनसे खुद की जान का खतरा बताया था। अगले ही दिन आठ सितंबर की दोपहर वह अपनी कार में घायल मिले थे। उनके गले में गोली लगी थी।
उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां छह दिन भर्ती रहे। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी हालत बिगड़ती चली गई। गोली वोकल कॉर्ड के लेङ्क्षरग्स यानी ठोड़ी पर लगी थी। गोली गले के पीछे सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड को छूती हुई निकल गई थी। इस वजह से उनका शरीर पूरी तरह शिथिल पड़ गया था। इलाज के दौरान उनके फेफड़ों में निमोनिया होने लगा था, जिससे शुक्रवार रात उनकी स्थित खराब हो गई। उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। शनिवार को भी हालत में सुधार न हुआ। रविवार शाम कारोबारी ने दम तोड़ दिया।
कारोबारी के भाई रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर कबरई थाने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला व दो सहयोगियों सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त सहित कुछ अज्ञात पुलिस कर्मियों पर हत्या की साजिश सहित अन्य धाराओं में शनिवार रात मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इससे पहले नौ सितंबर को एसपी मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया गया था। 10 सितंबर को दो थाना प्रभारियों समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए मणिलाल पाटीदार व दो अन्य के खिलाफ रंगदारी मांगने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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