- अवध के आखिरी नवाब के 87 वर्षीय पौत्र को एक हफ्ते पहले हुआ था कोरोना का संक्रमण
प्रारब्ध न्यूज डेस्क
कोरोना की चपेट में आए अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रपौत्र प्रिंस कौकब कद्र का रविवार शाम कोलकाता में इंतकाल हो गया। 87 वर्षीय प्रिंस कौकब कद्र एक हफ्ते पहले कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। वे अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और चार बेटियां छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी लखनऊ के मशहूर खानदान-ए-इज्तेहाद से ताल्लुक रखती हैं।
प्रिंस कौकब कद्र कोलकाता के मटियाब्रुज इलाके में स्थित सिबतैनाबाद इमामबाड़ा ट्रस्ट के वरिष्ठ ट्रस्टी रहे, जहां नवाब वाजिद अली शाह को दफनाया गया था। उन्होंने अलीपुर मुस्लिम यूनिवर्सिटी से वाजिद अली शाह के साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान पर उर्दू में डॉक्टरेट किया था। बाद में उसी यूनिवर्सिटी से उर्दू के प्रोफेसर के तौर पर जुड़े और 1993 में रिटायर हुए थे।
उनके बेटे इरफान अली मिर्जा ने बताया कि उनके वालिद बिलियर्ड्स एंड स्नूकर फेडरेशन ऑफ इंडिया, वेस्ट बंगाल बिलियर्ड्स एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश बिलियर्ड्स एंड स्नूकर एसोसिएशन के संस्थापक सचिव थे। 1963-64 में कोलकाता के ग्रेट ईस्टर्न होटल में हुई पहली विश्व स्नूकर चैंपियनशिप के वे चीफ रेफरी भी रहे। उनकी बेटी मंजीलत फातिमा 1980 में अहमदाबाद में हुई जूनियर नेशनल स्नूकर चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर नेशनल चैंपियनशिप खेलने वाली पहली महिला बनी थी।
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के सहपाठी थे प्रिंस कौकब
प्रिंस कौकब कद्र नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के सहपाठी थे। उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था। वे उसी बैच के सदस्य थे, जिसमें अमर्त्य सेन थे। उसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई की। प्रिंस कौकब कद्र ने फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' के लिए महान फिल्मकार सत्यजित राय के अनुसंधान सलाहकार की भूमिका भी निभाई थी।




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