दिनांक : 24 सितम्बर 2025
दिन : बुधवार
विक्रम संवत् : 2082
अयन : दक्षिणायण
ऋतु : शरद
मास : आश्विन
पक्ष : शुक्ल
तिथि : तृतीया पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र : चित्रा शाम 04:16 बजे तक तत्पश्चात् स्वाती
योग : इंद्र रात्रि 09:03 बजे तक तत्पश्चात् वैधृति
राहुकाल : दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 01:49 बजे तक
करण : तैतिल शाम 05:56 बजे तक तत्पश्चात गर
सूर्योदय : प्रातः 05:56 बजे
सूर्यास्त : संध्या 06:08 बजे
दिशा शूल : उत्तर दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 04:22 बजे से प्रातः 05:09 बजे तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:38 बजे से रात्रि 12:26 बजे तक
सूर्य राशि : कन्या
चंद्रमा राशि : तुला
बृहस्पति राशि : मिथुन
व्रत पर्व विवरण : रवि योग
नवरात्रि में त्रिदेवी आराधना
नवरात्रि में 9 तिथियों को 3-3-3 तिथि में बांटा गया है। प्रथम 3 तिथि माँ दुर्गा की पूजा (तमस को जीतने की आराधना), बीच की तीन तिथि माँ लक्ष्मी की पूजा (रजस को जीतने की आराधना) तथा अंतिम तीन तिथि माँ सरस्वती की पूजा (सत्व को जीतने की आराधना) विशेष रूप से की जाती है।
दुर्गा की पूजा करके प्रथम तीन दिनों में मनुष्य अपने अंदर उपस्थित दैत्य, अपने विघ्न, रोग, पाप तथा शत्रु का नाश कर डालता है। उसके बाद अगले तीन दिन सभी भौतिकवादी, आध्यात्मिक धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करता है। अंत में आध्यात्मिक ज्ञान के उद्देश्य से कला तथा ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की आराधना करता है ।


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