NER : पैसेंजर ट्रेनों में 30 की जगह 10 रुपये न्यूनतम किराया
टिकट काउंटरों पर व्यवस्था लागू, मोबाइल यूटीएस एप व आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन भी की गईं अपग्रेड
पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने विभिन्न रेलमार्ग पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों में 30 की जगह 10 रुपये न्यूनतम किराया लागू कर दिया है। रेलवे ने मंगलवार से गोरखपुर से गोंडा, बढ़नी, नौतनवा, नरकटियागंज, सिवान, छपरा और वाराणसी रूट पर चलने वाली 19 पैसेंजर ट्रेनों में कोरोना काल से पहले की व्यवस्था फिर से बहाल कर दी है। मोबाइल यूटीएस एप और आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) के अलावा जन साधारण टिकट बुकिंग काउंटरों (जेटीबीएस) व रेलवे के जनरल काउंटरों पर यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
कोविडकाल समाप्त होने के बाद भी पैसेंजर ट्रेनों का किराया एक्सप्रेस का लग रहा था।
यात्रियों को गोरखपुर जंक्शन से कैंट, नकहा और डोमिनगढ़ स्टेशनों तक अधिकतम पांच किमी की दूरी तय करने के लिए भी 10 की जगह 30 रुपये किराया देने पड़ रहे थे। इसको लेकर लोकल यात्रियों ही नहीं कर्मचारी संगठनों में भी रोष था। लोग लगातार किराया सामान्य करने की मांग कर रहे थे। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को सहूलियत दे दी है। यद्यपि, ट्रेनों का नंबर नहीं बदलेगा। ट्रेनें अभी भी स्पेशल के रूप में ही चलती रहेंगी। यानी, उनके नंबर के आगे शून्य लगा रहेगा। जबकि, कोविडकाल के पहले पैसेंजर ट्रेनों के पहले दो नंबर 55 होते थे।
संक्रमण बढ़ा था तो बंद कर दी गई थीं ट्रेनें
कोविड के बढ़ते संक्रमण के चलते लाकडाडन के साथ 23 मार्च, 2020 से देशभर की ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था। मई से एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन धीरे-धीरे शुरू हुआ। जुलाई से प्रमुख रूटों पर पैसेंजर ट्रेनें भी चलने लगी। एक्सप्रेस ट्रेनों में तो सबकुछ सामान्य हो गया था, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में एक्सप्रेस का ही किराया लग रहा था।
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