Today's Panchang: रविवार का पंचांग और कैसा रहेगा दिन

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दिनांक : 27 अगस्त 2023


दिन : रविवार


विक्रम संवत : 2080 (गुजरात - 2079)


शक संवत : 1945


अयन : दक्षिणायन


ऋतु : शरद ॠतु


मास : श्रावण


पक्ष : शुक्ल


तिथि : एकादशी रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात द्वादशी।


नक्षत्र : मूल सुबह 07:16 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा।


योग : प्रीति दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात आयुष्मान।


राहुकाल : शाम 05:25 बजे से शाम 07:00 बजे तक।


सूर्योदय : प्रातः 06:21 बजे।


सूर्यास्त : संध्या 18:58 बजे।


दिशाशूल : पश्चिम दिशा में।


व्रत पर्व विवरण : पुत्रदा-पवित्रा एकादशी।


विशेष : हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। 


राम रामेति रामेति। रमे रामे मनोरमे।। 

सहस्त्र नाम त तुल्यं। राम नाम वरानने।।


आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।


एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।

जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।


पुत्रदा एकादशी


एकादशी व्रत के लाभ


26 अगस्त 2023 शनिवार को रात्रि 12:09 बजे से 27 अगस्त, रविवार को रात्रि 09:32 तक एकादशी है।

विशेष : 27 अगस्त, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे। पुत्रदा एकादशी (पुत्र की इच्छा से इसका व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है।


सोमप्रदोष व्रत


हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 28 अगस्त, सोमवार को सोमप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए:-


 ऐसे करें व्रत व पूजा


प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।

उसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं। पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें। भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उससे अपना व्रत भी तोड़ें। उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।


 ये उपाय करें


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।


पंचक प्रारंभ : बुधवार, 30 अगस्त 2023 पूर्वाह्न 10:19 बजे।


पंचक समाप्त : रविवार, 03 सितंबर 2023 पूर्वाह्न 10:38 बजे


पंचक प्रारंभ : मंगलवार, 26 सितंबर 2023 अपराह्न 08:28 बजे।


पंचक समाप्त : शनिवार, 30 सितंबर 2023 को रात 09:08 बजे।


आज जन्मे जातकों को हार्दिक शुभकामनाएं 


अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनों में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता।


आपके जन्मदिन की संख्या आपस में जुड़ कर नौ होती है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनन्द आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है।


शुभ दिनांक : 9, 18, 27

शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72

शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045

ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।

शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला।


कैसा रहेगा यह वर्ष


अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। आप अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी।

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