Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (20 जून 2023)

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दिनांक  20 जून 2023, दिन मंगलवार 

विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)

शक संवत -1945

अयन - उत्तरायण

ऋतु - ग्रीष्म ॠतु

मास - आषाढ

पक्ष - शुक्ल

तिथि - द्वितीया दोपहर 01:07 तक तत्पश्चात तृतीया


नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 10:37 तक तत्पश्चात पुष्य


योग - ध्रुव 21 जून रात्रि 01:48 तक तत्पश्चात व्याघात


राहुकाल - शाम 04:02 से शाम 05:42 तक


सूर्योदय-05:58


सूर्यास्त- 19:21


दिशाशूल- उत्तर दिशा में


व्रत पर्व विवरण - भगवान जगन्नाथ रथयात्रा


विशेष -  द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

         

गुप्त नवरात्रि


गतांक से आगे...


4. बरकत बढ़ाने का उपाय


गुप्त नवरात्रि  में किसी भी दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े में अपने सामने मोती शंख को रखें और उस पर केसर से स्वस्तिक का चिह्न बना दें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का जप करें-

श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:

मंत्र का जप स्फटिक माला से ही करें। मंत्रोच्चार के साथ एक-एक चावल इस शंख में डालें। इस बात का ध्यान रखें की चावल टूटे हुए ना हो।  यह प्रयोग लगातार नौ दिनों तक करें। इस प्रकार रोज एक माला जप करें। उन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की थैली में रखें और 9 दिन के बाद चावल के साथ शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर की बरकत बढ़ सकती है।


5. मनचाही दुल्हन के लिए उपाय


गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भी सोमवार आए। उस दिन सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से साफ करें। फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब भगवान शिव की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा करें।


रात 10 बजे के बाद अग्नि प्रज्वलित कर ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जप भगवान शिव के सामने करें। इससे शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होने के योग बनेंगे।


6. इंटरव्यु में सफलता का उपाय


गुप्त नवरात्रि  में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि 


करने के बाद सफेद रंग का सूती आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब अपने सामने पीला कपड़ा बिछाकर उस पर 108 दानों वाली स्फटिक की माला रख दें और इस पर केसर व इत्र छिड़क कर इसकी पूजा करें।


इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर नीचे लिखा मंत्र 31 बार बोलें। इस प्रकार 11 दिन तक करने से वह माला सिद्ध हो जाएगी। जब भी किसी इंटरव्यु में जाएं तो इस माला को पहन कर जाएं। ये उपाय करने से इंटरव्यु में सफलता की संभावना बढ़ सकती है।


मंत्र- ऊं ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।


7. दांपत्य सुख के लिए उपाय


यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि  में रोज नीचे लिखी चौपाई को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह चौपाई सिद्ध हो जाएगी। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस चौपाई को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस चौपाई का जप करने के लिए कहें-


सब नर करहिं परस्पर प्रीति।

चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।

समाप्त...

            

वर्षा ऋतु


21 जून 2023 बुधवार से वर्षा ऋतु प्रारंभ ।


ग्रीष्म ऋतु में दुर्बल हुआ शरीर वर्षा ऋतु में धीरे-धीरे बल प्राप्त करने लगता है | आद्र वातावरण जठराग्नि को मंद करता है | वर्षा ऋतु में वात-पित्तजनित व अजीर्णजन्य रोगों का प्रादुर्भाव होता है | अत: जठराग्नि प्रदीप्त करनेवाला वात-पित्तशामक आहार लेना चाहिए |


हितकर आहार : इस ऋतु में जठराग्नि प्रदीप्त करनेवाले अदरक, लहसुन, नींबू, पुदीना, हरा धनिया, सोंठ, अजवायन, मेथी, जीरा, हींग, काली मिर्च, पीपरामूल का प्रयोग करें | जों, खीरा, लौकी, गिल्की, पेठा, तोरई, आम, जामुन, पपीता, सूरन सेवनीय हैं | श्रावण मास में दूध व हरी सब्जियाँ न खायें | वर्षा ऋतु में दही पूर्णत: निषिद्ध है | ताजी छाछ में काली मिर्च, सेका, जीरा, धनिया, पुदीना डालकर ले सकते हैं | उपवास और लघु भोजन हितकारी है | रात को देर से भोजन न करें |


अहितकर आहार : देर से पचनेवाले, भारी, तले, तीखे पदार्थ न लें | जलेबी , बिस्कुट, डबलरोटी आदि मैदे की चीजे , बेकरी की चीजे, उड़द, अंकुरित अनाज, ठंडे पेय पदार्थ व आइस्क्रीम  के सेवन से बचे | वर्षा ऋतु में दही पूर्णतः निषिध्द है | श्रावण मास में दूध व हरी सब्जियाँ वर्जित हैं |


हितकर विहार : आश्रमनिर्मित धूप, हवन से वातावरण को शुद्ध व गौ-सेवा फिनायल या गोमूत्र से घर को साफ करें | तुलसी के पौधे लगायें | उबटन से स्नान, तेल की मालिश , हल्का  व्यायाम, स्वच्छ व हल्के  वस्त्र पहनना हितकारी है | वातावरण में नमी और आर्द्रता के कारण उत्पन्न कीटाणुओं से सुरक्षा हेतु आश्रम की धूप व हवन से वातावरण को शुद्ध तथा गौ सेवा फिनायल या गोमुत्र से घर को स्वच्छ रखें | घर के आसपास पानी इकट्ठा  न होने दें | मच्छरों से सुरक्षा के लिए घर में गेंदे के पौधों के गमले अथवा गेंदे के फूल रखें और नीम के पत्ते , गोबर के कंड़े व गूगल आदि का धुआँ करें |


अपथ्य विहार : बारिश में न भींगें | भींगें गीले  कपड़े पहनकर न रखें | रात्रि-जागरण, दिन में शयन, खुले में शयन, अति परिश्रम एवं अति व्यायाम वर्जित है |

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