Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (07 अगस्त 2022)

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दिनांक : 07 अगस्त, दिन :  रविवार 


विक्रम संवत : 2079


शक संवत : 1944


अयन - दक्षिणायन


ऋतु - वर्षा ऋतु


मास - श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आषाढ़)


पक्ष - शुक्ल


तिथि - दशमी रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात एकादशी


नक्षत्र - अनुराधा शाम 04:30 तक तत्पश्चात जेष्ठा*


योग -  ब्रह्म सुबह 10:03 तक तत्पश्चात इन्द्र


राहुकाल - शाम 05:37 से शाम 07:14 तक


सूर्योदय - 06:15


सूर्यास्त - 19:13


दिशाशूल - पश्चिम दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ- 12 अगस्त 2022 शुक्रवार 14.49 मिनट से 16 अगस्त 2022, मंगलवार को 21.05 मिनट पर पंचक का समापन


एकादशी


08 अगस्त, 2022 को श्रावण पुत्रदा एकादशी है। श्रावण पुत्रदा एकादशी की तिथि 7 अगस्त को रात में 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होकर 8 अगस्त को शाम में 9 बजे समाप्त होगी।


-23 अगस्त, 2022 को अजा एकादशी है। अजा एकादशी की तिथि 22 अगस्त को देर रात में 3 बजकर 35 मिनट पर शुरू होकर 23 अगस्त को सुबह में 6 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी।


प्रदोष


श्रावण शुक्ल त्रयोदशी, भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार, 09 अगस्त 2022

09 अगस्त शाम 05:46 बजे - 10 अगस्त दोपहर 02:16 बजे


भाद्रपद, कृष्ण त्रयोदशी, बुद्ध प्रदोष व्रत

बुधवार, 24 अगस्त 2022

24 अगस्त सुबह 08:31 बजे - 25 अगस्त सुबह 10:38 बजे


अमावस्या


भाद्रपद, कृष्ण अमावस्या, शनि अमावस्या

शनिवार, 27 अगस्त 2022

अमावस्या प्रारंभ: 26 अगस्त 2022 दोपहर 12:24 बजे

अमावस्या समाप्त: 27 अगस्त 2022 को दोपहर 01:47 बजे


पूर्णिमा


श्रावणी पूर्णिमा, 12 अगस्त 2022

इस वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा 12 अगस्त दिन, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी।


व्रत पर्व विवरण - 


विशेष - रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)


रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)


स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।


एकादशी व्रत के लाभ


07 अगस्त 2022 रविवार को रात्रि 11:51 से 08 अगस्त, सोमवार को रात्रि 09:00 तक एकादशी है ।

विशेष - 08 अगस्त, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।


एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।

जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। 

एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

          

एकादशी के दिन करने योग्य


एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें। विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l


एकादशी के दिन ये सावधानी रखें 


महीने में 15-15 दिन में  एकादशी आती है। एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए। एकादशी के दिन जो  चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।

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