विक्रम संवत : 2079
शक संवत : 1944
अयन : उत्तरायण।
ऋतु : ग्रीष्म ऋतु
मास - आषाढ़
पक्ष - कृष्ण
तिथि - प्रतिपदा दोपहर 01:31तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र - मूल दोपहर 03:33 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
योग - शुक्ल रात्रि 01:15 तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल - दोपहर 12:40 से 02:22 तक
सूर्योदय - 05:54
सूर्यास्त - 07:26
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.19 से 01:01 तक
पंचक
पंचक का आरंभ- 18 जून 2022, शनिवार को 18.44 मिनट से
पंचक का समापन- 23 जून 2022, गुरुवार को 06.01 मिनट पर।
एकादशी
शुक्रवार, 24 जून 2022- योगिनी एकादशी
अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022।
प्रदोष
26 जून, रविवार- रवि प्रदोष व्रत.
पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 बजे से रात 09:23 बजे तक
व्रत पर्व विवरण - षडशीति संक्रांति
विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड( कुम्हड़ा, पेठा ) न खाये,क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
( ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38 )
ज्योतिषों के अनुसार विवाह के लिए ब्रहस्पति और शुक्र ग्रह जिम्मेदार है। अगर यह ग्रह दोनों प्रबल हैं तो शादी में किसी भी तरह की समस्या नहीं आती हैं। इसके अलावा शनि, मंगल और सूर्य के कारण भी शादी में कोई न कोई रुकावट आती रहती हैं। ऐसे में ये उपाय अपना सकते हैं। इससे विवाह में आ रही हर अड़चन को खत्म हो जाएगी।
विवाह में हो रही हैं देरी को दूर करने के उपाय
-विवाह के लिए लड़का-लड़की भगवान शिव के मंदिर जाएं और माता पार्वती के साथ उनकी पूजा करें। इससे लाभ मिलेगा।
-कन्याएं चाहे तो 16 सोमवार का व्रत विधि-विधान से रख सकती हैं और व्रत के साथ माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें।
-जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा हैं। वह लोग गुरुवार के दिन भगवान ब्रहस्पति का भी व्रत रख सकते हैं। इस दिन दिनभर भगवान का स्मरण करते हुए व्रत रखें और शाम के समय व्रत कथा पढ़कर भगवान को गुड़ और चने का भोग लगाएं। इसके साथ ही पीले रंग का फूल और चंदन लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि दिन में सिर्फ शाम के समय ही अन्न ग्रहण करें। लेकिन उसमें नमक नहीं होना चाहिए।
-विवाह संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए छह मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। इससे आपको लाभ मिलेगा।
-सोमवार के दिन सवा लीटर दूध और 200 ग्राम चने की दाल किसी जरूरतमंद को दान दें। इस उपाय को लड़का और लड़की दोनों कर सकते हैं।
-लड़का और लड़की प्रत्येक गुरुवार के दिन नहाने वाले पानी में थोड़ा सा हल्दी डालकर स्नान करें।
-गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं को दान करें। इससे भी विवाह योग जल्द बन जाता है।
-अगर कुंडली में मांगलिक दोष हैं तो इसके लिए हनुमान जी की पूजा करें। इससे आपको लाभ मिलेगा। इसके लिए मंगलवार के दिन व्रत रखकर भगवान हनुमान की पूजा करें और भोग में गेहूं के आटे और गुड़ से बने लड्डू चढ़ाएं। इसके साथ ही सिंदूर चढ़ाएं।.
षडशीति संक्रांति : 15 जून 2022( पुण्यकाल : दोपहर 12-05 से शाम 06-29 तक )
षडशीति संक्रांति में किये गए जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल 86000 हजार गुना होता है । -पद्म पुराण
विद्यालाभ
विद्यालाभ हेतु मंत्र : ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।’
यह मंत्र 16 जून 2022 को दोपहर 12ः37 से रात्रि 11ः45 या 17 जून 2022 को प्रातः 3 से सुबह 9ः56 बजे तक 108 बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद उसी दिन रात्रि 11 से 12 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें ।
घर सुरक्षित रहने के लिए
घर में संक्रांति ( जब सूर्य अगली राशि में प्रवेश करते हैं ) के समय ( रविवार को छोडकर ) देशी गाय का गोमूत्र अथवा गोमूत्र अर्क पानी में मिलाकर छिड़काव करने से घर हर प्रकार से सुरक्षित रहता है । घर में सभी सदस्यों में प्रेम बना रहता है ।
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