Health Tips : दादी मां के नुस्खे : गर्मियों में सेहत के लिए घरेलू उपाय

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प्रारब्ध हेल्थ डेस्क, लखनऊ


गर्मी के प्रभाव से रक्षा हेतु : प्रकृति के उपहार


नारियल पानी 

नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला होता है। यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतु की उष्णता से सुरक्षा करता है। अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी है।


लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप लगाने से लाभ होता है।


प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति मजबूत होती है। पुरुषों में वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है। अष्टमी को नारियल न खायें।


मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है।


अधिक पढने–लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें। इससे आँखों को आराम मिलता है। थकावट दूर होती है।


नींबू और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक यानी सन बर्न आराम मिलता है।


घमौरियों हों तो

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नीम के 10 ग्राम फूल व थोड़ी मिश्री पीसकर पानी में मिला के खाली पेट पी लें | इससे घमौरियाँ  शीघ्र गायब हो जायेंगी |


नारियल तेल में नींबू-रस मिलाकर लगाने से घमौरियाँ गायब हो जाती हैं ।


मुलतानी मिट्टी लगा के कुछ मिनट बाद स्नान करने से गर्मी और घमौरियों का शमन होता है |


अगर पाचनशक्ति है कमजोर

सौंफ और जीरा समान मात्रा में लेकर सेंक लें। भोजन के बाद अच्छी तरह चबा के खाने से पाचनशक्ति मजबूत होती है।

अपच हो तो


अपच होने पर अजवाइन, सौंठ और काली मिर्च का मिश्रण बना कर उसका पाउडर तैयार कर लें। उस पाउडर की एक चुटकी नियमित लेने से पाचन शक्ति ठीक होगी। सुबह इस मिश्रण को लेने के दो से तीन घंटे बाद भोजन करें।


तरबूज 


ग्रीष्म ऋतु में प्यास की अधिकता से मुक्ति तरबूज दिलाता है। इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है। बेचैनी और घबराहट से रक्षा होती है।


तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है।


गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है।


तरबूज के छोटे–छोटे टुकड़ों पर थोडा–सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है।


धनिया


धनिया ग्रीष्म ऋतु में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है।


खीरा

खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है। इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं।अत: इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता है। यह मूत्र की जलन शांत करता है एवं यकृत (लिवर) के लिए भी हितकारी है। खीरा भूख बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता है।


सिरदर्द, मुँह के छाले


10 ग्राम सूखा धनिया और 5 ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पिएं। यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मुंह के छालों में हितकर है। धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा। इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं।

मसूढ़ों की सूजन


जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े का कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूजन मिटती है। हिल्ते दाँत मजबूत होते हैं।


 घमौरियां हों तो


नीम के 10 ग्राम फूल व थोड़ी मिश्री पीसकर पानी में मिला के खाली पेट पी लें। इससे घमौरियाँ शीघ्र गायब हो जायेंगी।

घमौरियों का ऐसे पाएं निदान 

नारियल तेल में नींबू-रस मिलाकर लगाने से घमौरियाँ गायब हो जाती हैं।

मुलतानी मिट्टी लगा के कुछ मिनट बाद स्नान करने से गर्मी और घमौरियों का शमन होता है।


ह्रदय रोग


ह्रदय रोग में 2 चम्मच शहद, 1 चम्मच नींबू का रस  पीने से तुरंत ह्रदय रोग में आराम होता है l  अथवा अदरक के रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर पियें  |


ह्रदय में पीड़ा हो, हार्ट अटैक का भय हो तो तुलसी के 8-10 पत्ते,2-3 काली मिर्च चबा के पानी पी लें, जादूई असर होगा |


10-20 तुलसी के पत्तों का रस गर्म करके, गुनगुने पानी में पियें और तुलसी के पत्तों को पीस कर उसका ह्रदय पर लेप करें |


ब्लोकेज हो तो


अदरक का कद्दुकस और गुड़ का कद्दुकस सुबह-सुबह थोड़ा खाएं।श्वास बाहर रख के भगवान का नाम जपें,ब्लोकेज खुल जायेगा | नींबू और 25 तुलसी के पत्तों का रस कभी-कभी लें,इससे भी आराम होता है | 

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