Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (17 फरवरी 2022)

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17 फरवरी, दिन : गुरुवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : उत्तरायण


 ऋतु : शिशिर


मास - फाल्गुन 


पक्ष - कृष्ण


तिथि - प्रतिपदा रात्रि 10:40 तक तत्पश्चात द्वितीया


नक्षत्र - मघा शाम 04:11 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी


योग - अतिगण्ड शाम 07:47 तक तत्पश्चात सुकर्मा


राहुकाल -  दोपहर 02:19 से शाम 03:45 तक


सूर्योदय - 07:09


सूर्यास्त - 18:36


दिशाशूल - दक्षिण दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ 28 मार्च 2022, सोमवार को 23.56 पीएम से 

पंचक का समापन- 2 अप्रैल 2022, शनिवार को 29.24 मिनट पर।


एकादशी


रविवार, 26 फरवरी 2022- विजया एकादशी

सोमवार, 14 मार्च 2022- आमलकी एकादशी

सोमवार, 28 मार्च 2022- पापमोचनी एकादशी


प्रदोष


28 फरवरी, दिन: सोमवार, सोम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:20 बजे से रात 08:49 बजे तक


15 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:29 बजे से रात 08:53 बजे तक


29 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से रात 08:57 बजे तक


पूर्णिमा


16 फरवरी, दिन: बुधवार: माघ पूर्णिमा


17 मार्च, दिन: गुरुवार: फाल्गुन पूर्णिमा


अमावस्या

 

फाल्गुन अमावस्या बुधवार 2 मार्च, 2022।


व्रत पर्व विवरण - गुरु प्रतिपदा


विशेष - प्रतिपदा 

        


वसंत ऋतू में विशेष उपयोगी कफनाशक पेय

 

आधा लीटर पानी में 3 से 5 तेजपत्ते, 2 इंच अदरक के 1 या 2 टुकड़े (काट के ) और  3 – 4 लौंग डाल के 10 – 15 मिनट उबालें | ठंडा होने पर छान के 2 चम्मच शहद मिलाकर रख लें | इसे दिन में तीन – चार बार आधा कप गुनगुने पानी में थोडा-थोडा डाल के पिये | बिना शहद मिलाये मधुमेह में भी ले सकते हैं |


लाभ: यह प्रयोग रुचिवर्धक, पाचक, रक्तशोधक, व उत्तम कफशामक है | सर्दी, जुकाम और खाँसी में लाभदायी है | वसंत ऋतू में कफजन्य समस्याएँ ज्यादा होती हैं अत: इन दिनों में यह विशेष उपयोगी है | इसमें लौंग होने से यह प्रयोग श्वासनली में जमा कफ को आसानी से बाहर निकालता है | अदरक वायरस से लड़ने में सहायक है |

             

वसंत ऋतु में क्या करें क्या न करें


1] कड़वे, तीखे, कसैले, शीघ्र पचनेवाले,

2] पुराने जौ तथा गेहूँ की रोटी, मूँग, साठी चावल, करेला, लहसुन, अदरक, सूरन, कच्ची मूली, लौकी, तोरई, बैंगन, सोंठ, काली मिर्च, पीपर, अजवायन, राई, हींग, मेथी, गिलोय, हरड, बहेड़ा, आँवला आदि का सेवन हितकारी है |

3] सूर्योदय से पूर्व उठकर प्रात:कालीन वायु का सेवन, प्राणायाम, योगासन - व्यायाम, मालिश, उबटन से स्नान तथा जलनेति करें |

4] अंगारों पर थोड़ी-सी अजवायन डालकर उसके धूएँ का सेवन करने से सर्दी, जुकाम, कफजन्य सिरदर्द आदि में लाभ होता है |

5] २ से ३ ग्राम हरड चूर्ण में समभाग शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से रसायन के लाभ प्राप्त होते हैं |


18 फरवरी से 19 अप्रैल तक क्या न करें


1] खट्टे, मधुर, खारे, स्निग्ध (घी – तेल से बने), देर से पचनेवाले व शीतल पदार्थो का सेवन हितकर नहीं है, अत: इनका सेवन अधिक न करें | 

2] नया गेहूँ व चावल, खट्टे फल, आलू, उड़द की दाल, कमल – ककड़ी, अरवी, पनीर, पिस्ता, काजू, शरीफा, नारंगी, दही, गन्ना, नया गुड़, भैस का दूध, सिंघाड़े, कटहल आदि का सेवन अहितकर है |

3] दिन में सोना, ओस में सोना, रात्रि – जागरण, परिश्रम न करना हानिकारक है | अति परिश्रम या अति व्यायाम भी न करें |

4] आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स व फ्रिज के ठंडे पानी का सेवन न करें |

5] एक साथ लम्बे समय तक बैठे या सोयें नहीं तथा अधिक देर तक व ठंडे पानी से स्नान न करें |

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